19 सितंबर 2008 में दिल्ली के ओखला इलाके में बाटला हाउस मकान नंबर L-18 में हुए एनकाउंटर की घटना की अनकही अनछुई स्टोरी से रूबरू कराती है ये फिल्म। जहां एक ओर दिल्ली पुलिस की अपनी सच्चाई है तो वहीं… Read More

19 सितंबर 2008 में दिल्ली के ओखला इलाके में बाटला हाउस मकान नंबर L-18 में हुए एनकाउंटर की घटना की अनकही अनछुई स्टोरी से रूबरू कराती है ये फिल्म। जहां एक ओर दिल्ली पुलिस की अपनी सच्चाई है तो वहीं… Read More
आंखों के जरिये अपने अभिनय से सबके दिल में उतर जाने वाली हिंदी सिनेमा की ट्रेजडी क्वीन महज़बीन बानों यानि कि मीना कुमारी (1 अगस्त 1933- 31 मार्च 1972) का आज जन्मदिन है। इनके जीवन की बड़ी ही अजीब दास्तां… Read More
“क़ानूनी तौर पर झूठ बोलने को विज्ञापन कहते हैं”- एच.जी.वेल्स फिल्मों के बाद जिसने सपनों और इंसानी रिश्तों, जज़बातों के साथ साथ उसके भावनाओं को सबसे ज्यादा कैश कराने का काम किया है उसमें विज्ञापनों की एक बहुत बड़ी दुनिया… Read More
जिस प्रकार बिहारी ने अपने एक मात्र रचना ‘बिहारी सतसई’ से हिंदी साहित्य में जो मुकाम हासिल किया है, ठीक वैसे ही “मेरे पास माँ है” इस कालजयी संवाद के साथ हिंदी सिनेमा में शशि कपूर ने अपनी दमदार उपस्थिति… Read More
इक दिन बिक जाएगा, माटी के मोल जग में रह जाएंगे प्यारे तेरे बोल दूजे के होठों को देकर अपने गीत कोई निशानी छोड़, फिर दुनिया से बोल इक दिन बिक जाएगा… हिन्दी सिनेमा में दर्द भरे गीतों के जरिये… Read More
गुड़ से मीठा और ईमली से खट्टा इश्क़ का स्वाद बतलाने वाले गीतकार, जिन्होंने हिन्दी सिनेमा में सीधे सरल भाषा के जरिये लोगों के दिलों पर राज किया, आज उनका जन्मदिवस है। मैं बात कर रहा हूँ मशहूर गीतकार आनंद… Read More
मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए, इस बात की नई मिसाल है फ़िल्म सुपर 30. IIT जैसे नामी संस्थान में जहां बड़े बड़े कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ने वाले बच्चे बड़ी मुश्किल से दाखिला ले पाते हैं, वहां आनंद… Read More
तीन रुपये के लिए जात की औकात बतलाती है, फ़िल्म आर्टिकल 15। यूं तो हमारे संविधान का अनुच्छेद 15 कहता है कि धर्म, वंश, जाति, लिंग और जन्म स्थान आदि के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जायेगा।… Read More
सुपर पावर चश्में और मायाजाल की कहानी है स्पाइडरमैन : फार फ्रॉम होम। यह फ़िल्म ‘अवेंजर्स इनफिनिटी वॉर’ और ‘अवेंजर्स एंडगेम’ की अगली कड़ी है। इसलिए अगर आपने ये फ़िल्म नहीं देखी तो फिर इससे खुद को जोड़ने में थोड़ी… Read More
नये बोतल में पुरानी शराब को भरकर बेचने की असफल कोशिश है कबीर सिंह। इस फ़िल्म को देखकर लगता है हिंदी सिनेमा 21 वीं सदी में अब भी लव, लड़की और ब्रेकअप तक ही अपने आप को बांधे हुए है।… Read More