गुड़ से मीठा और ईमली से खट्टा इश्क़ का स्वाद बतलाने वाले गीतकार, जिन्होंने हिन्दी सिनेमा में सीधे सरल भाषा के जरिये लोगों के दिलों पर राज किया, आज उनका जन्मदिवस है। मैं बात कर रहा हूँ मशहूर गीतकार आनंद बक्शी (21 जुलाई 1930 – 30 मार्च 2002) जी की। जिन्होंने चार दशक से ज्यादा अपने फिल्मी सफर मे चार हज़ार से ज्यादा गाने लिखें। अपने समय के बड़े संगीतकारों आर.डी.बर्मन, कल्याण जी आनंद जी, राजेश रोशन, लक्ष्मीकान्त प्यारे लाल से लेकर आज के युवा संगीतकारों अनु मालिक, ए.आर.रहमान, उत्तम सिंह, विजू शाह, आनंद-मिलिंद और जतिन ललित आदि सभी के साथ एक से बढ़कर एक गीत दिये। जिसके बोल हर उमर की धड़कन बनकर सबके दिलों में धड़क रहें हैं। ‘चाँद सी महबूबा हो मेरी’ से लेकर ‘तुझे देखा तो ये जाना सनम’ तक सभी गीत इसके गवाह हैं। इनके गीतों में प्यार की इतनी कशिश होती है की नायिका सात समुंदर पार भी नायक के पीछे पीछे आने को तैयार है। जहां एक ओर इन्होंने ‘मेरे सपनों की रानी कब आयेगी तू’, ‘रूप तेरा मस्ताना’, प्यार दीवाना होता है जैसे कई बेहतरीन लव सांग लिखे, वहीं महबूबा महबूबा, दम मारो दम, जुम्मा-चुम्मा, चोली के पीछे क्या है, तू चीज बड़ी है मस्त मस्त जैसे तड़कते भड़कते आईटम सॉन्ग भी लिखे। हुस्न की तारीफ से लेकर रूठने मनाने के सभी सिचूएशन पर भी बक्शी जी ने अपनी खूब लेखनी चलाई है। कुल मिलकर कह सकते हैं कि आनंद बक्शी उन बड़े गीतकारों में शामिल हैं जिनके सामने विषय कि समस्या नहीं थी। हर विषय पर लिखा और बेहतरीन लिखा। यूं तो मैं इनके सभी फिल्मों के गीतों को पसंद करता हूँ, जिनमें से कुछ पसंदीदा गीत और फिल्मों के नाम आपके समक्ष रख रहा हूँ। आशा करता हूँ आप सबको भी ये गीत जरूर पसंद होंगे और अपने फुर्सत के लम्हों में इन्हें आप जरूर गुनगुनाते होंगे।
मेरे पसंदीदा गीत-
- चांद सी महबूबा हो मेरी
- सावन का महीना पवन करे शोर
- मेरे सपनों की रानी कब आयेगी तू
- कोरा क़ाग़ज़ था ये मन मेरा
- रूप तेरा मस्ताना
- लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है
- चाँदनी ओ मेरी चाँदनी
- मेरे हाथों मे नौ नौ चूड़ियाँ हैं
- प्यार दीवाना होता है
- कुछ तो लोग कहेंगे
- चिंगारी कोई भड़के
- महबूबा महबूबा
- कोई हसीना जब रूठ जाती है
- ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
- पर्दा है पर्दा
- सत्यम शिवम सुंदरम
- एक हसीना थी एक दीवाना था
- मेरी उमर के नौजवानों
- दम मारो दम
- दर्दे दिल दर्दे जिगर
- जानू मेरी जां
- देखो मैंने देखा है ये इक सपना
- सोलह बरस की बाली उमर को सलाम
- जिंदगी हर कदम एक नई जंग है
- ए वतन तेरे लिए
- चिट्ठी आई है
- ना जाने कहाँ से आई है
- माई नेम इज लखन
- तेरा नाम लिया
- तिरछी टोपी वाले
- मैं तेरी मोहब्बत में
- सात समुन्दर पार तेरे पीछे पीछे
- जुम्मा चुम्मा दे दे
- ईलू ईलू क्या है
- ईमली का बूटा
- चोली के पीछे क्या है
- नायक नहीं खलनायक हूँ मैं
- तू चीज बड़ी है मस्त मस्त
- सुबह से लेकर शाम तक
- टिप टिप बरसा पानी
- कभी तस्वीर से निकल के सामने आ
- आई लव माई इंडिया
- इश्क़ बिना क्या जीना यारा
- रमता जोगी मैं रमता जोगी
- ताल से ताल मिला
- तुझे देखा तो ये जाना सनम
- मेहँदी लागा के रखना
- हो गया है तुझको तो प्यार सजना
- घर आजा परदेशी तेरा देश
- दिल तो पागल है
- भोली सी सूरत आँखों में मस्ती
- ले गई ले गई
- कब तक चुप बैठे
- अरे रे अरे ये क्या हुआ
- चलते चलते यूँ हीं रुक जाता हूँ मैं
- आंखे खुली हो या हो बंद
- हमको हमीं से चुरा लों
- पैरों में बंधन है
- मैं निकला गड्डी लेके
- उड़ जा काले कावां रे
- मुसाफिर जाने वाले
कुछ बेहतरीन फिल्में –
हिमालय की गोद में, जब जब फूल खिले, आराधना, कटी पतंग, अमर प्रेम, हाथी मेरे साथी, सीता और गीता, बॉबी, हरे कृष्ण हरे राम, आपकी कसम, चुपके चुपके, जूली, शोले, अमर अकबर एंथनी, सत्यम शिवम सुंदरम, कर्ज़, एक दूजे के लिए, लव स्टोरी, मेरी जंग, शान, कर्मा, नाम, चालबाज़, चांदनी, राम लखन, त्रिदेव, विश्वात्मा, अग्निपथ, हम, सौदागर, खलनायक, ख़ुदागवाह, मोहरा, परदेश, ताल, यादें, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, दिल तो पागल है, मोहब्बतें और गदर ।