हमें परायों से नहीं, अपनों से डर लगता है हमें तो सच से नहीं, सपनों से डर लगता है दिल में चाहत के तूफान तो बहुत हैं मगर, हमें तो बनावटी, मोहब्बतों से डर लगता है हमने देखा है बहुत… Read More

हमें परायों से नहीं, अपनों से डर लगता है हमें तो सच से नहीं, सपनों से डर लगता है दिल में चाहत के तूफान तो बहुत हैं मगर, हमें तो बनावटी, मोहब्बतों से डर लगता है हमने देखा है बहुत… Read More
हिंदी ने बदल दी, प्यार की परिभाषा। सब कहने लगे मुझे प्यार हो गया। कहना भूल गए, आई लव यू। अब कहते है मुझसे प्यार करोगी। कितना कुछ बदल दिया, हिंदी की शब्दावली ने। और कितना बदलोगें, अपने आप को… Read More
हिंदी हिंदुस्तान की हैं बोली और पहिचान जिसमें जी और बढ़ रहा हैं सारा हिंदुस्तान हिंदी पर ही नाज़ हमारा सारा अभिमान हिंदी की अभिवादन से बढ़ रहा स्वाभिमान हमने देखा हिंदी को अब देश के कोने-कोने में गर्व सभी… Read More
कोई मुझसे पूछे, क्या है हिंदी तो उसे बताऊं, मेरी शान है, हिंदी। मेरा अभिमान है, हिंदी मेरी पहचान है, हिंदी। मेरा ताज़ है, हिंदी माथे की बिंदी है, हिंदी। मेरी साँसों की ड़ोर है, हिंदी मेरी दिल की धड़कन… Read More
किसी के दर्द को जब, तुम अपना दर्द समझोगें। मरी हुई इंसानियत को, जिंदा कर पाओगें। और अपने अंदर तुम, तभी इंसान को पाओगें। और मनुष्य होने का, फर्ज तुम निभा पाओगें।। नहीं काटती अब उम्र, इस तरह के माहौल… Read More
जब सीखा था बोलना, और बोला था माँ। जो लिखा जाता है, हिंदी में ही सदा।। गुरु ईश्वर की प्रार्थना, और भक्ति के गीत। सबके सब गाये जाते, हिंदी में ही सदा। इसलिए तो हिंदी, बन गई राष्ट्र भाषा।। प्रेम… Read More
तेरे लिए बदहालियां तो, दुनिया खोज लेगी रुकावटों को खाइयां तो, दुनिया खोज लेगी यारा खोज ले तू खुद से ही, खुद की खूबियाँ तेरे मन की खामियाँ तो, दुनिया खोज लेगी बस खोज ले तू अपने में, केवल अच्छाइयाँ… Read More
अपने बचपन की बातें आज याद कर रहा हूँ। कितना सच्चा दिल हमारा तब हुआ करता था। बनाकर कागज की नाव, छोड़ा करते थे पानी में। बनाकर कागज के रॉकेट, हवा में उड़ाया करते थे। और दिल की बातें हम… Read More
किसी से क्या गिला,जब अपने बदल गए, दिल तो है वही मगर,अब सपने बदल गए। लुटता था शरीफ़ कल भी लुटता है अब भी, है फर्क़ बस इतना,कि अब रास्ते बदल गए। यारों मुखौटे तो तब भी थे मगर वे… Read More
मैं किन-किन को छोड़ू, जबकि सभी अपने हैं। जीवन के सफर में, मिला साथ मुझे सबका। इसलिए तो मंजिल तक, मैं पहुँच पाया हूँ। और विजय ध्वजा को, आकाश में फहरा पाया हूँ।। जीत-हार से जो भी अपने को आंके।… Read More