khud ki khoj

तेरे लिए बदहालियां तो, दुनिया खोज लेगी
रुकावटों को खाइयां तो, दुनिया खोज लेगी

यारा खोज ले तू खुद से ही, खुद की खूबियाँ
तेरे मन की खामियाँ तो, दुनिया खोज लेगी

बस खोज ले तू अपने में, केवल अच्छाइयाँ
यारा तेरी मक्कारियां तो, दुनिया खोज लेगी

तुझे करनी है मोहब्बत, तो बेधड़क कर ले
उल्फ़त में रुसबाइयाँ तो, दुनिया खोज लेगी

यारा खुद में तू जीतने का, कर ले हुनर पैदा
यूं तेरे लिए दुशबारियाँ तो, दुनिया खोज लेगी

गर देखना है सपना, तो शिखर छूने का देख
गिराने की बदमाशियां तो, दुनिया खोज लेगी

चल पड़ तू अकेला ही ‘मिश्र’, पाने को मंज़िलें
तेरे सफ़र की रुबाइयां तो, दुनिया खोज लेगी

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