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कविता : आज के दौर में

आज के दौर का दोस्तो क्या हाल है। आधुनिकता के नाम पर बेशर्मी का ये दौर है। न अदब न शर्म और न ही बची संस्कृति और सभ्यता। इसे ही कहते है लोग आज की आधुनिकता आज की आधुनिकता….।। इसलिए… Read More

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कविता:हिन्दी मेरी माँ

मैं हिन्दी का बेटा हूँ हिन्दी के लिए जीता हूँ। हिन्दी में ही लिखता हूँ हिन्दी को ही पढ़ता हूँ। मेरी हर एक साँस पर हिन्दी का ही साया है। इसलिए मैं हिन्दी पर जीवन को समर्पित करता हूँ।। करें… Read More

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कविता : योग दिवस

रोज सबेरे तुम सब जागो नित्य क्रियाओं से निवृत हो। फिर योग गुरु को याद करो और योग साधना तुम करो। स्वस्थ और निरोगी रहोगे तुम और एकदम सुंदर दिखाओगें। मानव शरीर का अंग व पुर्जा एक दम से तुम्हारा… Read More

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कविता : क्या याद रहा क्या भूला

हम जिन्हें चाहते है वो अक्सर हमसे दूर होते है। जिंदगी याद करें उन्हें जब वो हकीकत में करीब होते है।। मोहब्बत कितनी रंगीन है अपनी आँखो से देखिये। मोहब्बत कितनी संगीन है खुद साथ रहकर के देखिये।। है कोई… Read More

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भजन : गजानन आराधना

गजानन आओ नी इक बार …। गजानन आओ नी इक बार ….। निसदिन तेरी बाट में जोहूं , बैठूं पलक बुहार …। गजानन आओ नी इक बार….। धूप-दीप और फल-फूलों से , तुझ को भोग लगाऊँ । लगा तेरे अगर… Read More

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काव्य : जगजीवन चालीसा

फूल-फूल के फूलने से तु, प्यारे ‘फूल’ न बन जाना ।। कांटो की जो जरा चुभन से, फटे फूल ,जीवन बचाना।। जीवन बने वट वृक्ष सा तेरा, फल फूलों से लदा हुआ ।। कंटक कांटे दुख भरी जलन का ,… Read More

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कविता : आज का दौर महान

आज का दौर कुछ अलग तरह का है। न इसमें रिश्ते और न अपनापन बचा है। चारो तरफ शोर सरावा और दिखावा है। होड़ लगी है सबमें हम सबसे श्रेष्ठ है।। मैं अपने में पूर्ण नहीं हूँ ये मुझे पता… Read More

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कविता : क्षमा वाणी

समय की सीमा है अपनो का प्यार है। और अगले वर्ष का अब हमे इन्तजार है। इसलिए अब लेता हूँ आप सभी से विदा। रहेगी जिंदगी तो हम फिर आप से मिलेंगे। श्री चन्द्रप्रभु समूह में अगले पर्युषण पर्व पर।।… Read More

कथा लखनऊ : दयानंद पांडेय

कहानी या उपन्यास लिखना मेरे लिए सिर्फ़ लिखना नहीं है, एक प्रतिबद्धता है। प्रतिबद्धता है पीड़ा को स्वर देने की। चाहे वह खुद की पीड़ा हो, किसी अन्य की पीड़ा हो या समूचे समाज की पीड़ा। यह पीड़ा कई बार… Read More

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कविता : क्या कह कर गये थे

आज और कल में क्या है अंतर और आने वाले कल में क्या होगा। क्या इंसान इंसान को समझेगा और अपनी इंसानियत जिंदा रखेगा। और क्या एक दूसरे को ही वो अपना शिखार बनायेगा। इसकी भविष्य वाणी क्या कोई आज… Read More