ganpati scs

गजानन आओ नी इक बार …।
गजानन आओ नी इक बार ….।
निसदिन तेरी बाट में जोहूं ,
बैठूं पलक बुहार …।
गजानन आओ नी इक बार….।

धूप-दीप और फल-फूलों से ,
तुझ को भोग लगाऊँ ।
लगा तेरे अगर और चंदन ,
मैं श्रृंगार सजाऊँ ।
तुमसे करूं एक ही बिनती ,
दर्शन अब दे जाओ ।
गजानन आओ नी इक बार …।
गजानन आओ नी इक बार ….।
निसदिन तेरी बाट में जोहूं ,
बैठूं पलक बुहार …।
गजानन आओ नी इक बार….।

रिद्धि-सिद्धि के तुम हो दाता ,
ज्ञान-बुद्धि के सागर ।
जीवन मेरा कोरा कागज ,
रीती पड़ी है गागर ।
बूंद-बूंद से प्यास बुझे न ,
बन के मेघ बरसाओ ।
गजानन आओ नी इक बार …।
गजानन आओ नी इक बार ….।
निसदिन तेरी बाट में जोहूं ,
बैठूं पलक बुहार …।
गजानन आओ नी इक बार….।

यह दुनिया मद में है आंधी ,
मैं मंदबुद्धि कहलाऊँ ।
ज्ञान-सरिता मुझ तक मोडों ,
मैं ‘अजस्र’ बन जाऊँ ।
रख के हाथ शीश पर मेरे ,
कृपा-आशीष बरसाओ ।
गजानन आओ नी इक बार …।
गजानन आओ नी इक बार ….।
निसदिन तेरी बाट में जोहूं ,
बैठूं पलक बुहार …।
गजानन आओ नी इक बार….।

शुभ और लाभ , रिद्धि और सिद्धि ,
विद्या-लक्ष्मी साथ ।
घर आंगन में मेरे पधारो ,
सबको लेकर आप ।
मूषक-सवार मेरे मन-मंदिर ,
आकर के बस जाओ ।
गजानन आओ नी इक बार …।
गजानन आओ नी इक बार ….।
निसदिन तेरी बाट में जोहूं ,
बैठूं पलक बुहार …।
गजानन आओ नी इक बार….।

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