गीत : दूर रहो बस दूर रहो

न हम बदले न वो बदले, फिर क्यों बदल रहे इंसान। कल तक जो अपने थे, सब की आंखों में बसते थे। पर अब तो वो सिर्फ, सपनो जैसे देखते है। न हम न वो आये जाएं, अब एक दूसरे… Read More

actor guru dutt

जयंती पर विशेष : संवेदनशील और समय से आगे सोचनेवाले निर्देशक गुरुदत्त

गुरुदत्त हिंदी सिनेमा के सबसे संवेदनशील निर्देशकों में शामिल हैं। गुरुदत्त बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे फिल्म निर्माण के अधिकतर क्षेत्रों में अपना दखल रखते थे। मुझे उनकी टक्कर का एक ही शख्स लगता है वो हैं राजकपूर। खैर… Read More

Actor Sanjeev Kumar

जयंती पर विशेष : एफर्टलेस एक्टिंग के सरताज संजीव कुमार

संजीव कुमार हिंदी फिल्मों के सबसे उत्कृष्ट कलाकारों में से एक हैं। उनकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे एफर्टलेस एक्टिंग (सहज अभिनय) करते थे। यही बात उन्हें अन्य कलाकारों से जुदा करती है। उनकी दूसरी खासियत ये थी… Read More

Poem Mithila Dham

कविता : हमारा मिथिला सबसे महान

मिश्री जैसी मधुर है हमारी बोली हम प्रेमी पान मखान और आम के भगवती भी जहाँ अवतरित हुईं हम वासी हैं उस मिथिला धाम के संतानों को जगाने मिथिला की माएँ सूर्योदय से पूर्व गाती हैं प्रभाती सुनाकर कहानियाँ ज्ञानवर्धक… Read More

poem mohabbat samjhte nahi

कविता : मोहब्बत समझते नहीं

तेरी यादों को अब तक, दिल से लगाये बैठा हूँ। सपनो की दुनियां में, अभी तक डूबा हुआ हूँ। दिलको यकीन नही होता, की तुम गैर की हो चुकी हो। और हकीकत की दुनियां से, बहुत दूर निकल गई हो।।… Read More

poem anubhav mere jeevan ka

कविता : अनुभव मेरे जीवन का

आँखे झूठी, बातें झूठी, चेहरा सारा झूठा है, बाहर अंदर सारा झूठा, ईमां ही तेरा झूठा है । इस चेहरे के उपर न जाने, और भी कितनी कालिमाई है, कपट की लहरें तेरे भीतर, ना जाने कितनी गहराई हैं ।… Read More

kavita chot apno ki

कविता : चोट अपनों की

सोने ने पुछा एक दिन लोहे से, तू चोट लगने पर इतना चिल्लाता क्यूं है? जबकि सुनार मुझे भी तो, हतौडे से ही चोट मारता है । इतना सुनना था कि लोहे का मुख मलीन हो गया, मामला अत्यंत संगीन… Read More

गीत : जन्म और कर्तव्य

छोड़ दिया मेरा साथ, मुझे संसार में भेजकर। नये दिये माँ बाप, मुझे इस संसार में..।। खूब दिया स्नेह प्यार, मेरे पालन हारो ने। क्या कुछ नहीं किया, मुझे इंसान बनाने में। अपनी रो की इच्छाएं, मेरी इच्छाओं की खातिर।… Read More

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आर्टिकल 15 महत्वपूर्ण मुद्दे पर संवेदनशील फिल्म

फिल्म निर्देशक अनुभव सिन्हा ने एक बार फिर महत्वपूर्ण व सामयिक मुद्दे पर गंभीर व संवेदनशील फिल्म बनाई है। उत्तर प्रदेश के बैकड्राप पर दलितों के प्रति भेदभाव के मुद्दे को इसमें अच्छे ढंग से दिखाया गया है। हमारी हिन्दी… Read More