हिंदी है भारत की पहचान, इससे बढ़ती अपनी शान। मातृभाषा का मान बढ़ाएँ, हिंदी को हम अपनाएँ। सरल, मीठी, सच्ची भाषा, सबको करती पास पासा। दिल से दिल का तार मिलाए, हिंदी का सम्मान बढ़ाए। पढ़ो लिखो और बोलो हिंदी,… Read More

हिंदी है भारत की पहचान, इससे बढ़ती अपनी शान। मातृभाषा का मान बढ़ाएँ, हिंदी को हम अपनाएँ। सरल, मीठी, सच्ची भाषा, सबको करती पास पासा। दिल से दिल का तार मिलाए, हिंदी का सम्मान बढ़ाए। पढ़ो लिखो और बोलो हिंदी,… Read More
मैं हिंदी हूँ महोदय, मुझे विश्व में जाना जाता है, दुनिया में तीसरे स्थान पर, मुझे ही बोला जाता है। संविधान में राजभाषा का, दर्जा भी दिया जाता है, 14 सितंबर को, दिवस भी मनाया जाता है। राजकाज की भाषा… Read More
शुभ श्रावण मास, शिव तत्व विचार, जहाँ शिव हैं, नंदी भी साथ धार।। जहाँ धर्म है, शिव भी वास करें, जहाँ शिव हैं, धर्म का प्रकाश भरे।। शिवजी का वाहन वृषभ धर्म स्वरूप, धर्म की सवारी, शिव करते अनूप।। जीवन… Read More
आया है ये वक्त कैसा रक्त नहीं रक्त जैसा। बेटा आज बाप को ही अर्थ समझाता है। चपर-चपर बोले सुनता ना हौले-हौले। जननी के सामने ना सर को झुकाता है। मौके की फ़िराक़ में है सपनों की साख में है।… Read More
मेरे जीवन आधार सदा, केशव माधव वृषभानु दुलारी मोपे कृपा करो मेरे कष्ट हरो मेरे नटवर की प्राणन प्यारी जमुनातट हो वंशी वट हो, नैनन आगे मेरो नटखट हो चितचोर चपल चंचल मन में, रख लूँ तुम्हें मेरे रास बिहारी… Read More
आओ सब मिल एक बने हम, स्वच्छता की ओर बढ़ें हम। भारत मां की यही पुकार, स्वच्छ बने ये घर–संसार। आओ बढ़ाएं कदम पुरज़ोर, बढ़े कदम स्वच्छता की ओर। घर से निकलो सब लोग अभी, यह पुण्य कार्य पूर्ण होंगे… Read More
शेर-शेरनियाँ घूम रहे थे पहलगाम की वादी में, चूहों ने था घात लगाया, कायरता की आदी में। चूहा अपने बिल से निकला कुछ चूहों को साथ लिए, वादी को आतंकित कर दी बंदूकों को हाथ लिए। बोला अपना धर्म बताओ… Read More
छांव में जिसकी खेले बचपन, जिसकी छाया में बीते जीवन, आज वही पेड़ खड़ा अकेला, बता रहा है अपना मन का ग़म। टहनी-टहनी बिखरी स्मृति, पत्तों में छुपी हैं कहानियाँ कितनी। कभी था वह गाँव की शान, अब अनदेखा, जैसे… Read More
बचपन की वो गलियाँ, वो मिट्टी की खुशबू, नंगे पाँव दौड़ना, बारिश में भीगना खूब। कंचे, लट्टू, पतंगों की उड़ान, हर खेल में छुपा था कोई अनजान गुमान। न किताबों का बोझ, न जिम्मेदारियाँ भारी, हर दिन था उत्सव, हर… Read More
समुद्र की यात्रा पर दर्शन और भौतिकी मिले दोनों ही जिज्ञासु, दोनों ही अद्भुत लगे। थोड़ी देर मौन के बाद भौतिक मुस्कुराकर बोला— हम दोनों का लक्ष्य तो एक ही है: सत्य, ज्ञान, और ब्रह्माण्ड की खोज। मगर फर्क बस… Read More