मेरे जीवन आधार सदा, केशव माधव वृषभानु दुलारी
मोपे कृपा करो मेरे कष्ट हरो मेरे नटवर की प्राणन प्यारी
जमुनातट हो वंशी वट हो, नैनन आगे मेरो नटखट हो
चितचोर चपल चंचल मन में, रख लूँ तुम्हें मेरे रास बिहारी
राधा आधार जगत हो तुम, भवसागर पार उतारो तुम
मैं दीन दुःखी निर्धन निर्बल, मोरी लाज रखो हे गिरधर प्यारी
करुणामई करुणा का कर दो, दो दर्शन जन्म सफल कर दो
तेरा सुमिरन घट घट में न घटे, जो घटे तो घटे बस श्वास हमारी
है दास तुम्हारा आकाश प्रभु, इसे और करो न निराश प्रभु
रख लो चाकर चरणों का बना, विनती यही माधव मदन मुरारी