शिक्षक संघ, उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी के तत्त्वावधान में आज आगामी 30 जून 2025 को अवकाश ग्रहण करने जा रहे सांख्यिकी विभाग के प्रो. उपेंद्र कुमार का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के पूर्व कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि उदय प्रताप कॉलेज शिक्षा के क्षेत्र में हिमालय हाईट का बनारस में उत्तरी ध्रुव है जबकि दक्षिणी ध्रुव काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि परीक्षा की सुचिता को लेकर कई बार काशी हिंदू विश्वविद्यालय हिल जाता था लेकिन उदय प्रताप कॉलेज कभी भी नहीं दिला। उन्होंने यह भी कहा कि अवकाश प्राप्त कर रहे सांख्यिकी विभाग के प्रो. उपेंद्र कुमार अब कॉलेज की कक्षा के बाहर लोक कक्षा में जा रहे हैं और इस तरह उनका दायरा बढ़कर पूरा समाज हो जाएगा। प्रो. हरिकेश सिंह ने यह भी कहा कि डॉ. विश्वनाथ प्रसाद द्वारा लिखे गए उदय प्रताप कॉलेज के कुल गीत से वही आभा निकलती है। जो प्रो. शांति स्वरूप भटनागर द्वारा रचे गए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुल गीत से निकलती है।
विशिष्ट अतिथि रूप में बोलते हुए लाल बहादुर शास्त्री पीजी कॉलेज, मुगलसराय, चंदौली के प्राचार्य एवं प्राचार्य परिषद, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के महामंत्री प्रो. उदयन मिश्रा ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बाद उदय प्रताप कॉलेज का नाम ही आता है। यहां पर अध्ययन करना और अध्यापन करना दोनों ही बड़े गौरव की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि उपेंद्र कुमार ने ज्ञान की जो ज्योति कॉलेज में जालाई है उसका प्रकाश अनेक छात्रों के जीवन को प्रकाशित करता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अवकाश प्राप्त करना कार्य से निवृत होना नहीं है बल्कि एक नई सामाजिक जिम्मेदारी के लिए तैयार होना है।
आयोजन की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का समाधान अब तक शिक्षक संघों द्वारा किए गए संघर्षों के द्वारा ही होता रहा है। उदय प्रताप कॉलेज शिक्षक संघ की ट्रेनिंग के लिए एक बेहतर जग रही है। यहां से निकलने वाले अनेक शिक्षक नेताओं ने प्रदेश की शिक्षक राजनीति में अपना विशिष्ट योगदान किया है। प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह ने यह भी कहा कि आने वाला समय शिक्षकों के लिए बहुत कठिन समय रहेगा। अतीत में डॉ. घनश्याम सिंह, डॉ. पंचानन राय तथा डॉ. एल. एन. पांडेय जैसे शिक्षक नेताओं ने शिक्षक राजनीति में संघर्ष की जो मशाल जालाई है वह त्याग और समर्पण का अद्भुत उदाहरण है। इसलिए आने वाले समय में शिक्षक संघों को अपनी एकजुट का परिचय देते हुए आसन्न संकटों का सामना करने के लिए कटिबंध हो जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक के पद से अवकाश ग्रहण करना और सेवा में आना एक प्रक्रिया है। जीवन ही बदलाव का नाम है। इसलिए यह जीवन का अंत नहीं है, बल्कि एक नए रूप में सामाजिक भूमिका निभाने का समय है।
आज के इस अभिनंदन समारोह में आए हुए अतिथियों का स्वागत उदय प्रताप कॉलेज शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. सुधीर कुमार राय ने किया। मंगलाचरण रसायन विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आनंद राघव चौबे ने किया तथा संचालन प्रो. गोरखनाथ ने किया। कार्यक्रम के अंत में आए हुए अतिथियों के प्रति आभार प्रकाशन शिक्षक संघ के मंत्री डॉ. मयंक सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ. राम सुधार सिंह, डॉ. नरेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. दुर्ग विजय सिंह, डॉ. दयानंद प्रसाद साहा, प्रो. दिवाकर सिंह, प्रो. सुधीर कुमार शाही, प्रो. रमेश धर द्विवेदी, प्रो. नरेंद्र कुमार, प्रो. संजय कुमार शाही, प्रो. शशिकांत द्विवेदी, प्रो.पंकज कुमार सिंह, प्रो. मीरा सिंह, प्रो. मधु सिंह, प्रो.अरविंद प्रताप सिंह, डॉ. आर.एन. सिंह, प्रो. राघवेंद्र सिंह रघुवंशी, प्रो. तुषार कांत श्रीवास्तव, डॉ. शिवबचन, डॉ. संजय श्रीवास्तव, प्रो. अनिता सिंह, डॉ. जितेंद्र सिंह, डॉ. बृजेश कुमार सिन्हा, डॉ. रंजना श्रीवास्तव, डॉ. डी.डी.सिंह, डॉ. अशोक कुमार सिंह, डॉ. अनूप कुमार सिंह, डॉ. अनुराग उपाध्याय, डॉ. पुष्पराज शिव हरे, डॉ.संजय स्वर्णकार, डॉ. कृष्ण कुमार भारती, डॉ. विपिन प्रकाश सिंह, डॉ. लालेंद्र सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. रंजन कुमार श्रीवास्तव, डॉ. विजय कुमार सिंह, डॉ. विवेक सिंह, डॉ. शशिकांत सिंह, डॉ. विभा मिश्रा, डॉ. सत्येंद्र सिंह, डॉ. प्रताप गौतम, डॉ. चंदन कुमार, डॉ. मनोज यादव, डॉ. सतीश प्रताप सिंह, डॉ. चंद्रशेखर सिंह, डॉ. आदित्य सिंह, डॉ. अश्वनी कुमार निगम, डॉ. सुनील कुमार सिंह, श्रीमती सुषमा सिंह, श्री सौरभ सिंह, श्री हिमांशु शेखर सिंह, श्री राकेश सिंह, श्री भरत सिंह, श्री रंजीत कुमार सिंह, श्री प्रगति सिंह, श्री राज नारायण सिंह तथा श्री आलोक सिन्हा सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी मौजूद रहे।