आओ सब मिल एक बने हम,
स्वच्छता की ओर बढ़ें हम।
भारत मां की यही पुकार,
स्वच्छ बने ये घर–संसार।
आओ बढ़ाएं कदम पुरज़ोर,
बढ़े कदम स्वच्छता की ओर।

घर से निकलो सब लोग अभी,
यह पुण्य कार्य पूर्ण होंगे तभी।
हाथ बढ़ा, श्रम दान करो,
भारत के सच्चे वीर बनो।
ये धरती हमें दे रही सदा,
मिल दूर करें अपनी विपदा।

भाई आओ बहना आओ,
चाचा आओ, चाची आओ,
मां जी आओ पिता जी आओ,
मामा आओ मामी आओ,
बुआ आओ, फूफा आओ,
स्वच्छता में हाथ बंटाओ।
याद करो बीता वो काल,
स्वच्छता था सबका ढाल।
जगह जगह अब बदतर हाल,
सागर, नदी, झरने बेहाल।
गांव, शहर में कूड़े का टाल,
पूछ रहा है बड़ा सवाल।

भारत की छवि हो रही धूमिल,
हम सारे इसमें हैं शामिल।
जन गण सब कर रहे कमाल,
पॉलिथीन सबका जंजाल।
प्रकृति, खो रही संतुलन,
मिलकर करें, इस पर अब मंथन।

बच्चे, बूढ़े और जवान,
सबके लिए है ये पैग़ाम।
एक कदम आगे बढ़ाकर,
मिलकर लायें नया विहान।
वातावरण को स्वच्छ बनाकर,
पूरा करें स्वच्छता अभियान।

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