kalam ka kamal

गीत : कलम का कमाल

लिखता मैं आ रहा, गीत मिलन के मैं । कलम मेरी रुकती नही, लिखने को नए गीत। क्या क्या में लिख चुका, मुझको ही नही पता। और कब तक लिखना है, ये भी नही पता। लिखता में आ रहा…..।। कभी… Read More

गीत : प्यार में छलावा

जबसे मिली है नजरें, बेहाल हो रहा हूँ। तुमसे मोहब्बत करने, कब से तड़प रहा हूँ॥ कोई तो हमें बताये, कहाँ वो चले गए हैं। रातों की नींद चुराकर, खुद चैन से सो रहे हैं॥ ये कमबख्त मोहब्बत, क्या-क्या हमें… Read More

विशेष : सन्त रविदास जयंती

संत रविदास और मार्क्सवाद का वैचारिक द्वंद्व वाया भारतीय संस्कृति मध्ययुगीन साधकों में विशिष्ट स्थान के अधिग्राही हैं  रैदास जिन्हें हिंदी साहित्य में संत रविदास के नाम से भी जाना जाता है । मौखिक रूप से रैदास और लिखित रूप… Read More

व्यंग्य : अंकल कम्यूनलिज्म

“वो सादगी कुछ भी ना करे तो अदा ही लगे  वो भोलापन है कि बेबाकी भी हया ही लगे अजीब शख्स है नाराज हो के हँसता है  मैं चाहता हूँ कि वो खफा हो तो खफा ही लगे” पोस्ट ट्रुथ… Read More

कविता : क्या स्तर है?

गिरती हुई अर्थव्यवस्था,  को कौन बचाएगा। मरते हुए इंसान को, कौन बचाएगा। यदि ऐसा ही चलता रहा, तो देश डूब जाएगा। और इसका श्रेय फिर, किस को देओगे।। जब जब भी अच्छा हुआ, वो मेरी किस्मत थी। अब बढ़ रही… Read More

गीत : क्या था भारत?

कहाँ से हम चले थे, कहाँ तक आ पहुंचे। सभी की मेहनत ने, दिखाया था जोश अपना। तभी तो हम भारत को, इतना विकसित कर सके। पिन से लेकर एरोप्लेन, अब हम बनाने जो लगे।। कड़ी लगन और परिश्रम, के… Read More

कविता : आदर्श परिवार

जोड़ जोड़कर तिनका, पहुंचे है यहां तक। अब में कैसे खर्च करे, बिना बजह के हम। जहां पड़े जरूरत, करो दबाकर तुम खर्च। जोड़ जोडक़र ……। रहता हूँ मैं खिलाप, फिजूल खर्च के प्रति। पर कभी न में हारता, मेहनत… Read More

समीक्षा : स्वप्नपाश

सेक्सुअल भरम (bhrm) के अतिरेक और रक्तसनी छातियों वाली गुलनाज फरीबा की कहानी -स्वप्नपाश कल पूरे एक दिन में मनीषा कुलश्रेष्ठ का उपन्यास स्वप्नपाश पढ़ा। मैं मनीषा  मैम से 2 कारणों से प्रभावित हूँ, एक उनके प्रकृति प्रेम और दूसरा… Read More

कविता : इंतजार है

तुझे देखने का हर रोज़,   हम इंतजार करते हैं। दिल से हम तुम्हें बहुत, प्यार करते है। कल का दिन तुझे देखे, बिना निकल गया। अब आज हमे  तेरा, बहुत इंतजार है ।। आंखों से तीर छोड़ने की, जो तेरी… Read More

वंदना : माँ सरस्वती

माँ शारद को शत बार नमन, तव चरणों में मम ध्यान रहे। हो नित आराधन माता का तब अर्जित सुंदर ज्ञान रहे ।। हो शुभ्र-सोच हम सब की माँ, जैसे हैं पावन वसन तेरे। मन भी कोमल हम सबका हो,… Read More