जबसे मिली है नजरें, बेहाल हो रहा हूँ। तुमसे मोहब्बत करने, कब से तड़प रहा हूँ॥ कोई तो हमें बताये, कहाँ वो चले गए हैं। रातों की नींद चुराकर, खुद चैन से सो रहे हैं॥ ये कमबख्त मोहब्बत, क्या-क्या हमें… Read More
जबसे मिली है नजरें, बेहाल हो रहा हूँ। तुमसे मोहब्बत करने, कब से तड़प रहा हूँ॥ कोई तो हमें बताये, कहाँ वो चले गए हैं। रातों की नींद चुराकर, खुद चैन से सो रहे हैं॥ ये कमबख्त मोहब्बत, क्या-क्या हमें… Read More
#गार्गीकॉलेजमामलेपरचुप्पीभारीपड़ेगी आप ही थे ना जिसने प्रियंका रेड्डी के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के बाद प्रशासन को गालियां दीं, देश को असुरक्षित बताया और ना जाने किस किस तरह से अपना गुस्सा दिखाया । आप ही थे ना जिसने… Read More
संत रविदास और मार्क्सवाद का वैचारिक द्वंद्व वाया भारतीय संस्कृति मध्ययुगीन साधकों में विशिष्ट स्थान के अधिग्राही हैं रैदास जिन्हें हिंदी साहित्य में संत रविदास के नाम से भी जाना जाता है । मौखिक रूप से रैदास और लिखित रूप… Read More
“वो सादगी कुछ भी ना करे तो अदा ही लगे वो भोलापन है कि बेबाकी भी हया ही लगे अजीब शख्स है नाराज हो के हँसता है मैं चाहता हूँ कि वो खफा हो तो खफा ही लगे” पोस्ट ट्रुथ… Read More
कास्ट: आदिल खान, सादिया निर्देशक: विधु विनोद चोपड़ा अपनी रेटिंग: 4 स्टार सबसे पहले इस फ़िल्म की कास्टिंग की बात करें तो यह फ़िल्म को प्रामाणिकता प्रदान करती है। शांति के रूप में सादिया और शिव के रूप में आदिल… Read More
गिरती हुई अर्थव्यवस्था, को कौन बचाएगा। मरते हुए इंसान को, कौन बचाएगा। यदि ऐसा ही चलता रहा, तो देश डूब जाएगा। और इसका श्रेय फिर, किस को देओगे।। जब जब भी अच्छा हुआ, वो मेरी किस्मत थी। अब बढ़ रही… Read More
कहाँ से हम चले थे, कहाँ तक आ पहुंचे। सभी की मेहनत ने, दिखाया था जोश अपना। तभी तो हम भारत को, इतना विकसित कर सके। पिन से लेकर एरोप्लेन, अब हम बनाने जो लगे।। कड़ी लगन और परिश्रम, के… Read More
दिन/दिनांक : शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019, स्थान : सभागार GBSSS, भारत नगर , समय : दोपहर 1 बजे लेखक/ निर्माता / निर्देशक: आशुतोष श्रीवास्तव, TGT हिंदी प्रस्तुतकर्ता : GBSSS, भारत नगर के समस्त प्रतिभागी छात्र मार्गदर्शन : अखिल प्रकाश गुप्ता,… Read More
निर्भय होकर मतदान करें, देश का हम सम्मान करें। ‘साहित्य सिनेमा सेतु’ देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले सभी नागरिकों से विनम्र अनुरोध करता है कि दिल्ली में 8 फरवरी 2020 को होने वाले विधान सभा चुनाव में अपने… Read More
जोड़ जोड़कर तिनका, पहुंचे है यहां तक। अब में कैसे खर्च करे, बिना बजह के हम। जहां पड़े जरूरत, करो दबाकर तुम खर्च। जोड़ जोडक़र ……। रहता हूँ मैं खिलाप, फिजूल खर्च के प्रति। पर कभी न में हारता, मेहनत… Read More