चलती हूँ कुछ दूर,
पाँव रुक जाते है।
मंजिल पर पहुँचने से पहले,
हालात बिगड़ जाते है।
बहुतों को देखा है,
लिखते अपनी कहानी।
हम जब लिखते है, हमारे
हाथ रुक जाते है।
बैठें थे जब लिखनें वो ऊपरवाले,
क़िस्मत को मेरी।
आ गया होगा उन्हें भी कोई urgent काम,
बोले,
रुको दो मिनट हम अभी आते है।
क्या यार,
अब आप ही बताएं क्या करें हम?
इंसान तो इंसान
भगवान भी suspense में छोड़ जाते है।