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कविता : विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

आँखे अँधी है, कान है बहरे , हाथ पांव भी भले विकल । वाणी-बुद्धि में बनी दुर्बलता , विश्वास-हौसला सदा अटल । अक्षमताओं से क्षमता पैदा कर , विकलांग से हम दिव्यांग कहाए । परिस्थितियों से लोहा लेकर ही ,… Read More

shraddha

कविता : अंजाम क्यों हो ‘श्रद्धा’ सा तुम्हारा

सोया था मैं गहरी नींद में , एक मुझे सपना आया । हाथ पकड़कर ,गहन झंझोड़कर , जैसे था मुझे नींद जगाया । एक दिखा अस्पष्ट सा साया , जो धुंधला सा लगता था । जिसने खुद को था ‘श्रद्धा’… Read More

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कविता : स्वर्ग से सुंदर,हिन्दुस्थान

आओ ! मिलकर, हम चलो बनाएं , स्वर्ग से सुंदर, हिन्दुस्थान। विविध-विविध संस्कार भले हो, विश्व में हो, बस एक पहचान। आओ ! मिलकर …… ना बंटवारा,कभी चाहा हमने, कभी ना चाही,वो दासता । विश्वधरा से सब अपनाया , फिर… Read More

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गीत : विश्वकप अब तुम ला दो

लहरा-दो ,लहरा-दो , दुनिया में तिरंगा लहरा-दो । ट्वेंटी-ट्वेंटी के विश्वकप को, अबकी बार तो घर ला दो । लहरा-दो ,लहरा-दो……. ऑस्ट्रेलिया की मैच पिचों पर, विश्वयुद्ध घमासान लड़ो । सेमी और फाइनल को जीतकर, विजय अभियान में आगे बढ़ो… Read More

ram mandir

गीत : आज अवध में

आज अवध में नई सुबह है , खत्म हुआ संघर्ष वो सारा । राम की महिमा राम ही जाने , राम का है ,संसार ये प्यारा । राम-नाम सब धर्म से ऊपर , भारत के रग-रग में समाया । वेद… Read More

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गीत : ग़म-ए-जुदाई

मुद्दते गुज़र गयी , तफ्शील से बतियाए । हुई इनायत-ए-खुदा , कि आखिर , आप आए । शाम-ए-ग़ज़ल सुनाऊँ या, हाल-ए-दिल सुनुँ तुम्हारा । नज़र-ए-बयां करूँ या ,दिखाऊँ , यह दिलनशीं नज़ारा । तेरी मासूमियत पर , मेरी ख़ुशी मुस्कुराए… Read More

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कविता : मुख्यधारा में स्वागत तुम्हारा

संस्कारों के, पालक महान तुम , संस्कृति तुमने ना छोड़ी । ली जो प्रतिज्ञा मेवाड़ इतिहास में, अब तक ना तुमने तोड़ी । बुरे समय में प्रण कर धारण, राणा के जो सहचर थे । पल-पल जिन ने साथ निभाया,… Read More

gandhi ji

कविता : बापू तेरे सपनों का भारत

बापू तेरे सपनों का भारत , आज बड़ी मुश्किल में हैं । सत्य अंहिंसा तुझको पाने , ढूंढे हर महफ़िल में है । बापू तेरे सपनों का भारत , आज बड़ी मुश्किल में हैं । सच है बोझिल ,सच है… Read More

deep jalayein

कविता : एक दीप जलाएँ, उनके नाम

लड़ियाँ दीपों की, जले चारों ओर, आज हुई जगमग, रोशन दिवाली। चहुँओर चेहरों पर जलते दीपों सी जगमग, चहुँओर ओर देखो खुशचेहरों की खुशहाली। मावस रात भी, लगे पूनम चमकती काली है फिर भी, लगे भरपूर उजियाली। पर जिनसे यहाँ… Read More

TIRANGA

गीत : भारत भूमि वासी हैं

दर्द पराया जो अपनाए , भारत भूमि वासी हैं । ‘परहित सबके काम वो आए’ , भारत जन अभिलाषी हैं । मैं और मेरी खुशियां स्वर्णिम , गर्व फूली न समाती है । जन्म लिया भारत में मैंने , जिसकी… Read More