diwali

कविता : दीवाली पर मिलेगी

दीप जलाओ तुम सब। करो अंधकार को दूर। रोशनी कर लो मन में। इस दीपाली पर।। घर का कचड़ा साफ करो। मन को करो तुम शुध्द। जग मग कर दो गली मौहल्ले और अपना घर। दिलो में खुशीयाँ भर दो,… Read More

jivansangini

कविता : संगिनी का साथ

मैं अब कैसे बतलाऊँ, अपने बारे में लोगों। कैसे करूँ गुण गान, अपने कामों का मैं। बहुत कुछ सीखने को, मिला मुझे यहाँ पर। तभी तो निकाल दिये, जीवन के 28 वर्ष।। मिला सब जीवन में जो भी चाहा था… Read More

prashan

कविता : प्रश्न का उत्तर प्रश्न

न दिल भरता है न प्रभु मिलता है। बस चारों तरफ अफरातफरी का माहौल है।। न प्रश्न बचे है न उत्तर मिले है। प्रश्नों पर प्रश्न ही लोगों ने खड़े किये है।। न समानता पहली थी और न आज है।… Read More

zindagi

कविता : जिंदगी क्या है

फूल बन कर मुस्कराना जिन्दगी है मुस्कारे के गम भूलाना जिन्दगी है मिलकर खुश होते है तो क्या हुआ बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है।। जिंदगी जिंदा दिलो की आस होती है। मुर्दा दिल क्या खाक जीते है जिंदगी।… Read More

ram

कविता : डर नहीं अब राम का

राम थे महान इसलिए करते है उनका सदा गुण गान। राम थे मर्यादा पुरूषोत्तम इसलिए शक्तिशाली थे। राम थे विष्णु के अवतार इसलिए पृथ्वीवासियों के दुख हरने आये थे। बातें राम की करते है नहीं अपनाते उनका आचरण। बस राम… Read More

mai pita nahin

कविता : कैसे कहूँ पीता नहीं

कैसे कह दूं कि मैं पीता नही हूँ। रोज जीने के लिए मैं पीता हूँ। जिंदगी में इतना सहा है हमने। न पीते तो कब के मर गए होते।। बड़ी ही जालिम है ये दुनियाँ। छेड़े बिना लोग रह नहीं… Read More

sas bahu

कविता : सास बहू का रिश्ता

सास बहू का रिश्ता में तुम को समझता हूँ। हर घर की कहानी तुमको मैं सुनाता हूँ। सुनकर कुछ सोचना, और कुछ समझना। सही बात यदि मैंने कहीं हो तो बता देना।। सास-बहू का रिश्ता बड़ा अजीब होता है। बहू… Read More

ravan

गीत : रावण को भी सुने

रावण कहता है एक बात मेरी सुन लो। क्यों वर्षो से मुझे यूं जलाये जा रहे हो। फिर भी तुम मुझे जला नहीं पा रहे हो। हर वर्ष जलाते जलाते थक जाओगे। और एक दिन खुद ही जल जाओगे।। मैंने… Read More

rishte

कविता : रिश्तों को बनाये रखें

रिश्तो का बंधन कहीं छूट न जाये। और डोर रिश्तों की कहीं टूट न जाये। रिश्ते होते है बहुत जीवन में अनमोल। इसलिए रिश्तो को हृदय में सजा के रखें।। बदल जाए परिस्थितियाँ भले ही जिंदगी में। थाम के रखना… Read More

sahitya bik raha

गीत : साहित्य बिक रहा…

सोना चांदी हीरे मोती, तो तुम पहले बेच चुके। बचा हुआ था साहित्य, जिसको अब तुम बेच रहे। सब कुछ खत्म हो जायेगा, बस थोड़ा सा इंतजार करो। वो दिन भी अब दूर नहीं, जब स्वयं को ही खोजोगे।। क्योंकि,… Read More