रिश्तो का बंधन
कहीं छूट न जाये।
और डोर रिश्तों की
कहीं टूट न जाये।
रिश्ते होते है बहुत
जीवन में अनमोल।
इसलिए रिश्तो को
हृदय में सजा के रखें।।
बदल जाए परिस्थितियाँ
भले ही जिंदगी में।
थाम के रखना डोर
अपने रिश्तों की।
पैसा तो आता जाता है
सबके जीवन में।
पर काम आते है
विपत्तियों में रिश्ते ही।।
जीवन की डोर
बहुत नाजुक होती है।
जो किसी भी समय
टूट सकती है।
इसलिए कहता हूँ मैं
रिश्तो से आंनद बरसता है।
बाकी जिंदगी में अब
रखा ही क्या है।।