gyan ki mata

गीत : विद्या की माता शारदे

वो ज्ञान की माता है सरस्वती नाम है उनका-२। वो विद्या की माता है। शारदा माता नाम उनका। वो ज्ञान की माता है।। हाय रे मनका पागलपन मुझ से लिखवाता है। क्या मुझे लिखना क्या वो लिखवाता ये तो वो… Read More

nari

कविता : नारी के शब्द

मज़बूर हूँ मैं। मगर ये मत समझना, कि कमज़ोर हूँ। मज़बूत हूँ मैं, साथ ही ग़रीब हूँ। मगर लाचार नहीं।। तेरे शोषण का सुबूत हूँ मैं, तेरी ही पहचान हूँ मैं। फिर भी अपनों के लिए कार्य कर रही हूँ।… Read More

manzile

कविता : मंजिले मिल जाती है

नदियाँ खुद अपनी चाल से रास्ते बना लेती है। बड़े-बड़े पहाड़ों को भी चीर कर आगे निकल जाती है। क्योंकि उन्हें अपने आप पर विश्वास होता है। इसलिए उन्हें आदर से पूजा जाता है।। इरादे हो अगर नेक तो मंजिले… Read More

gaanv

कविता : गाँवो में जाकर देखो

सोच बदलो गाँव बदलो अब चलो गाँव में। तभी हम गाँवो को खुशहाल बना पाएंगे। और नया हिंदुस्तान हम मिलकर बनाएंगे। और गाँवो का इतिहास एक बार फिर से दोहरायेंगे। गाँवो की मिट्टी का कोई जवाब नहीं है। पैरो में… Read More

gulami

कविता : गुलामी

हम जात पात में पड़े रहेंगे। और देश को बर्बाद करेंगे। दूसरे देश प्रगति को चुनेंगे। और विश्व में पहचान बनाएंगे।। गये थे जब अंग्रेज देश से तो जाति का बीज वो गये थे। जिससे आपसी भाई चारा देश में… Read More

makar sankranti sandesh

कविता : मकर संक्रांति का संदेश

राम को जपो श्याम को जपो जपो ब्रम्हा विष्णु महेश को। पर मत छीनो लोगों से तुम उनके अधिकारो। राष्ट्र चरित्र का तुम सब कब करोंगे निर्माण? बहुत हुआ खेल अब जाति धर्म का देश में। कुछ तो अब शरम… Read More

2021

कविता : नव वर्ष 2021 दे आपको…

करे न कोई गम अब जाते हुए 2020 का। जो बीता सो बीता अब गुजर गया साल। सीखा गया जाते जाते लोगों के दिल में प्रेमभाव। नहीं आया विपत्ति में धन-दौलत अब की बार। भूला कर अपने सारे गम करें… Read More

bachpan

कविता : मिलने से याद आये

जब अपने मिल जाते हैं खुशी से मन इतराता है। छलक जाते है आँसू पुरानी यादें आने पर। खुशी के वो सारे पल सामने आने लगते है। और हम खो जाते हैं उन बीते हुए दिनों में।। भूलकर भी भूलता… Read More

samajh

कविता : समझ नहीं पाया

कभी गमों के साये में जिये तो कभी खुशी के महौल में। जिंदगी को जीने के कई नये-नये तरीके मिले। बदलते मौसम के साथ हम भी जीने लगे। और इरादे भी समयानुसार हम भी बदलने लगे।। भले ही ये सब… Read More

diwali

कविता : दीवाली पर मिलेगी

दीप जलाओ तुम सब। करो अंधकार को दूर। रोशनी कर लो मन में। इस दीपाली पर।। घर का कचड़ा साफ करो। मन को करो तुम शुध्द। जग मग कर दो गली मौहल्ले और अपना घर। दिलो में खुशीयाँ भर दो,… Read More