sas bahu

सास बहू का रिश्ता में
तुम को समझता हूँ।
हर घर की कहानी
तुमको मैं सुनाता हूँ।
सुनकर कुछ सोचना,
और कुछ समझना।
सही बात यदि मैंने
कहीं हो तो बता देना।।

सास-बहू का रिश्ता
बड़ा अजीब होता है।
बहू सास को माँ कहे तो
रिश्ता प्यारा होता है।
सास अगर बहू को
बेटी कहके पुकारे तो।
ये रिश्ता मां और बेटी
जैसा बन जाता है।।
सास बहू का रिश्ता
बड़ा अजीब होता है।

सास बहू को बहू ही
समझे तो खटा होता है।
बहू सास को सास
माने तो झगड़ा होना है।
न तुम न हम कम फिर
घर अशांत होना है।।

इन दोनो के तकरार में
बाप बेटा पिसते है।
बहुत दिनों तक दोनों
मौनी बाबा बने रहते है।
पर जिस दिन भी ये
सब्र का घड़ा फूटता है।
और उसी दिन से दो
चूल्हे घर में हो जाते है।।

घर का माहौल सास बहू
पर निर्भर करता है।
सास को माँ और बहू को
बेटी जैसा मानती है।
वो घर द्वारा स्वर्ग जैसे
स्वंय ही बन जाते है।
और कलयुग में भी राम
राज्य जैसा घर पाते है।।
सास बहू का रिश्ता
बड़ा अजीब होता है।।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *