दर्द पराया जो अपनाए , भारत भूमि वासी हैं । ‘परहित सबके काम वो आए’ , भारत जन अभिलाषी हैं । मैं और मेरी खुशियां स्वर्णिम , गर्व फूली न समाती है । जन्म लिया भारत में मैंने , जिसकी… Read More

दर्द पराया जो अपनाए , भारत भूमि वासी हैं । ‘परहित सबके काम वो आए’ , भारत जन अभिलाषी हैं । मैं और मेरी खुशियां स्वर्णिम , गर्व फूली न समाती है । जन्म लिया भारत में मैंने , जिसकी… Read More
इंतजार बस इंतजार , राम का ही बस इंतजार । बढ़ रहा है ,बढ़ रहा है, हर ओर रावण अत्याचार। सह रहे हैं, सह रहे हैं, मुंह से कुछ ना कह रहे हैं । घाव जो फोड़े बने हैं ,… Read More
दिल में प्यार तुम्हारा है ,भारत को तू प्यारा है । झंडा ऊँचा हमारा है ,जग में सबसे ही न्यारा है ।। तीन रंग लिए फहरा करता , आंधी तूफां से नहीँ डरता । समय का पहिया आगे बढ़ता ,… Read More
क्यों करता हूं कागज काले …?? बैठा एक दिन सोच कर यूं ही , शब्दों को बस पकड़े और उछाले । आसमान यह कितना विस्तृत ..? क्या इस पर लिख पाऊंगा ? जर्रा हूं मैं इस माटी का, माटी में… Read More
जन्मदिन शुभ हो तुमको आज । खुशियां सजी रहे दिन रात । साथी स्वजन सब मिल गाएं । सदियों दीप ‘ अजस्र ‘ जलाएं । देते भर-भर आशीर्वाद । जन्म दिन शुभ हो तुमको आज । खुशियां सजी रहे दिन… Read More
कौन जो आवाज़ देता, बादलों की ओट से । भय से मन थर-थर हुआ है, बिजलियों की चोट से । बूंदों की लड़ियां , ये जैसे, विष में बुझे बाण हैं । छिल रहा यह मन तो मेरा, जो कब… Read More
छोटे-छोटे पइयाँ , छोटे-छोटे बाल । छोटो सो मेरो मनहर लाल । अरी , छोटो सो मेरो मनहर लाल ।।…2 हाथों में है मुरली , तिलक है भाल । पालकी सोहे , नंद को लाल । छोटे-छोटे पइयाँ , छोटे-छोटे… Read More
जिंदगी है महंगी , और मौत क्यों हो गई सस्ती….?? हाय रे…….!! ये कैसी अनजान मस्ती । छोटी-छोटी सतही बातों पर, क्यों हो रही है जीवन की केवल पस्ती और पस्ती (हार)? जीवन में कभी क्या कोई हार न होगी… Read More
खिले कमल कीचड़ में कैसे, गहन अंधेरा दीप जले। उल्टे बांस बरेली जैसे , मछली उल्टी धार चले। तूफान भरे सागर में वो ही , जीवन नइया चलाता है । कर जिगरा फौलाद का अपना , चिड़िया बाज लड़ाता है… Read More
कहां बरसती है बरसात , भले ही हो बादलों की बारात । सुखी रूई के फाए से , इधर-उधर उड़ते रहते हैं । काम न आए मरहम रखने के भी , जख्म हरे और रिसते रहते है । और तो… Read More