radha rani

कविता : मेहबूब के लिए

मेरा मेहबूब आया है जन्नत के इस बाग में। जिसे सजाया है वसुन्धरा ने चाँद और सितारों से । धरा ने भी बिछा दी है सफेद चादर मोतीयों की। और महका के रख दिया है रातरानी ने इस बाग को।।… Read More

indian wedding

कविता : अनमोल तोफा

दिया है जो तोफा तुमने जिसे बता नहीं सकते। और अपनी खुशी को हम छुपा भी नहीं सकते। मना जो उसने किया है इसे बताने के लिए। करें तो क्या करें अब हम बना रहे दोनों का संतुलन।। बड़े आदर… Read More

shiva

कविता : सावन मास

सावन के मास में वो, शिवजी पर जल ढारत है। बेल पत्ती और फूलों से, पूजा नित्यदिन करती हैं। मनोकामना पूरी कर दो, सावन के इस महीने में। मिलवा दो प्रभु अब मुझे, उस जीवन साथी से। जिसके सपने देख… Read More

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कविता : संघर्षों से ही सफलता

खिले कमल कीचड़ में कैसे, गहन अंधेरा दीप जले। उल्टे बांस बरेली जैसे , मछली उल्टी धार चले। तूफान भरे सागर में वो ही , जीवन नइया चलाता है । कर जिगरा फौलाद का अपना , चिड़िया बाज लड़ाता है… Read More

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कविता : भाता है सावन का महीना

सावन का महीना चल रहा शिव-पार्वती जी का आराम। गृहस्थ और कुवारों को भी काम काज से मिली है छुट्टी। जिसके चलते कर सकते है शिव पार्वती जी की भक्ति। श्रध्दा भक्ति हो गई कबूल तो मिल जायेंगे साक्षात तुम्हें… Read More

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कविता : बचपन की चाहत

बड़ी ही अजीब किस्सा रहा मेरी जिंदगी का। वो मुझे चाह कर अपने पास बुलाते रहे। पर मैं अपने आपको और कुछ समझता रहा। और उनकी चाहत को हंसी में उड़ाता रहा।। कहते है वक्त सदा एक जैसा नहीं होता।… Read More

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व्यंग्य : बार्टर सिस्टम

बरसों पहले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने एक नारा दिया था “तुम मुझे खून दो ,मैं तुम्हें आजादी दूंगा “। अच्छी पहल थी देश में इस नारे को आज भी बहुत इज्जत दी जाती है ।लोग नेता जी के एक… Read More

iswar bhakti

गीत : भक्ति गुरुदेव की

भक्ति मैं करता तेरे साझ और सबेरे। चरण पखारू तेरे साझ और सबरे। चरण पखारू तेरे साझा और सबरे। तेरे मंद मंद दो नैन मेरे मनको दे रहे चैन। तेरे मंद मंद दो नैन…। क्या ज्ञान क्या अज्ञानी जन, आते… Read More

kanaha (2)

कविता : तरस रही हूँ

मोम की तरह पूरी रात दिल रोशनी से पिघलता रहा। पर वो इस हसीन रात को नहीं आये मेरे दिल में। मैं जलती रही और नीचे फिरसे जमती रही। फिरसे उनके लिए जलने और उनके दिलमें जमाने के लिए।। हर… Read More

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कविता : सावन की आग

बचपन खोकर आई जवानी साथ में लाई रंग अनेक। दिलको दिलसे मिलाने को देखो आ गई अब ये जवानी। अंग अंग अब मेरा फाड़कता आता जब सावन का महीना। नये नये जोड़ो को देखकर मेरा भी दिल खिल उठता।। अंदर… Read More