दिया है जो तोफा तुमने
जिसे बता नहीं सकते।
और अपनी खुशी को हम
छुपा भी नहीं सकते।
मना जो उसने किया है
इसे बताने के लिए।
करें तो क्या करें अब हम
बना रहे दोनों का संतुलन।।
बड़े आदर और सम्मान से
बनी थी जीवन साथी तुम।
तभी से मिल रही मुझको
अनेक खुशियाँ ही खुशियाँ।
दिया है जो तुमने साथ
हमारे हर सुख दुख में।
सभारा है जिंदगी को
तुमने साथ मेरा देकर।।
समझ में आ गया होगा
मिला है कौन सा तोफा।
जिसे हम और वो भी
छुपाये छुपा नहीं सकते।
स्वयं ही सबको पता
चल जायेगा इस का।
रखा उसका भी मान मैंने
और बिना कहे बता दिया।।