बड़ी ही अजीब किस्सा
रहा मेरी जिंदगी का।
वो मुझे चाह कर
अपने पास बुलाते रहे।
पर मैं अपने आपको
और कुछ समझता रहा।
और उनकी चाहत को
हंसी में उड़ाता रहा।।
कहते है वक्त सदा
एक जैसा नहीं होता।
यदि तुम कुछ हो और
तुम्हें उस पर अभिमान है।
तो तुम्हारा अभिमान कुछ
समय के बाद टूटेगा।
और तेरा सिर शर्मीदा
से फिर झुक जायेगा।।
जब इंसान में अहंकार
आ जाता है।
तो उसका पतन होना
शुरू होता है।
और हर मंजिल पर
वो फेल होता जाता है।
फिर अपने आपको
कही का नहीं पाता है।।
ये दुनियाँ है बाबू जहाँ उंगाते को
ही नमस्कार किया जाता है।
जो चमक धमक देखकर तेरे बने थे
वो एक एक करके साथ छोड़ देते है।
तब बचपन के और साथ पढ़ने वाले
तुझे बहुत याद आते है।
जिनकी चाहत पर तुम हँसते थे
आज वो ही सामने मदद को खड़े है।।
जीवन में सफलता असफलता का
दौर चलता रहता है।
आज यदि राजा हो तुम तो
कल रंक भी बन सकते हो।
परंतु घर परिवार और साथी
सदा एक से होते है।
और हर मुश्किल में चट्टानों की
तरह से तेरे ढाल बनते है।।