कविता : होली का रंग

तुम्हें कैसे रंग लगाए, और कैसे होली मनाए? दिल कहता है होली, एकदूजे के दिलों में खेलो। क्योंकि बहार का रंग तो, पानी से धूल जाता है। पर दिल का रंग दिल पर, सदा के लिए चढ़ा जाता है।। प्रेम… Read More

कविता : होली का त्यौहार

आओ हम सब, मिलकर मनाएं होली। अपनों को स्नेहप्यार का,  रंग लगाये हम। चारो ओर होली का रंग,  और अपने संग है। तो क्यों न एकदूजे को, रंग लगाए हम। आओ मिलकर मनाये, रंगो की होली हम।। राधा का रंग… Read More

कविता : क्यूंकि मैं सत्य हूँ

*क्योंकि मैं सत्य हूं* मैं कल भी अकेला था आज भी अकेला हूं और संघर्ष पथ पर हमेशा अकेला ही रहूंगा मैं किसी धर्म का नहीं  मैं किसी दल का नहीं सम्मुख आने से मेरे भयभीत होते सभी जानते हैं… Read More

कविता : दिल तेरा है तो

तेरी तस्वीर को,  सीने से लगा रखा है। और तुझे अपने, दिल में बसा रखा है। इसलिए तो आंखे, देखने को तरसती है।। दिल तेरा है, पर हक तो मेरा है। क्योंकि तुमने मुझे, अपना दिल जो दिया है। मेरा… Read More

पुस्तक समीक्षा : पुरुष तन में फँसा मेरा नारी मन

“आत्मा की अधूरी प्यास है” – पुरुष तन में फँसा मेरा नारी मन प्रत्येक भगवान और देवी का हिंदू धर्म में गहरा महत्व है जो प्राचीन शास्त्रों में परिलक्षित होता है।  हाल के दिनों में, हिंदुओं के लिए, देवी लक्ष्मी… Read More

कविता : हे स्त्री!

जन्मी तो अलग तरह से सूचना दी गई ताकि सब जान सकें कि घर में आ गई है कुलच्छिनी मातम मना घर भर में पूरे पाँच साल दोयम दर्जे के स्कूल जाती रही बड़ी होकर समझदार हुई तो इसी में… Read More

कविता : नारी को सम्मान दो

मान मिले सम्मान मिले,  नारी को उच्च स्थान मिले। जितनी सेवा भक्ति वो करती। उस से ज्यादा सम्मान मिले। यही भावना हम भाते, की उसको यथा स्थान मिले।। कितना कुछ वो,  दिनरात करती है। घर बाहर का भी देखा करती… Read More

वेदबुक से फेसबुक तक स्त्री

स्त्री सम्मान के प्रतीक विश्व महिला दिवस के अवसर पर विश्व की समस्त मातृ शक्ति को नमन करते हुए प्रस्तुत है मेरी पुस्तक  “वेदबुक से फेसबुक तक स्त्री” का मेरी बात अंश :           #मेरी_बात जिस समय… Read More

कविता : सोच बेटी सोच

सोच बेटी सोच…! क्यूँ है इस दुनिया में आयी तू क्यूँ लड़नी पड़ेगी इतनी लड़ायी? सोच बेटी सोच … इस बात में है बहुत गहरायी। क्यूँ इनके अस्तित्व, इनके वजूद पर, हर समय मुसीबतें आयी? क्यूँ इनके आगे बढ़ने पर,… Read More

कविता : दिल करता है

दिल करता है विधा: कविता दिल के झरोखों से, प्यार झलकता है। आपकी वाणी में, अपनापन दिखता है। तभी तो आपसे निगाहें, मिलाने को मन करता है। और तुम्हें दिल से, अपनाने का मन करता है।। कौन कहता है कि… Read More