हमारे विश्व गुरु भारत में हर दूसरा मनुष्य ज्ञानी है। उस दूसरे यानी ज्ञानी के सामने समस्या यह रहती है कि उसके हिसाब से पहले वाला कुछ समझना ही नहीं चाहता। इसलिए किसी से भी कुछ कहने के साथ ही… Read More
कविता : हे स्त्री!
जन्मी तो अलग तरह से सूचना दी गई ताकि सब जान सकें कि घर में आ गई है कुलच्छिनी मातम मना घर भर में पूरे पाँच साल दोयम दर्जे के स्कूल जाती रही बड़ी होकर समझदार हुई तो इसी में… Read More