आज मैंने उस बहती नदी को समीप से देखा जो हर रोज पड़ती है मेरे अध्व में…… मैं गुजर जाती हूं अपने जीवन की सूझ बूझ में उलझी उलझी….. मगर शायद आज नियति में था उससे मिलना वो वैसी बिल्कुल… Read More
आज मैंने उस बहती नदी को समीप से देखा जो हर रोज पड़ती है मेरे अध्व में…… मैं गुजर जाती हूं अपने जीवन की सूझ बूझ में उलझी उलझी….. मगर शायद आज नियति में था उससे मिलना वो वैसी बिल्कुल… Read More
ये धान के पकने का सुन्दरतम मौसम है इस मौसम में हल्की-फुल्की, कुछ ठण्डी-ठण्डी हवा-बतास बहेंगी धान के सोने जैसे बालियों में धीरे-धीरे कोटि-कोटि दूधदार चावल आएँगे मिट्टी की सुकोमलता पाकर सूरज की किरणों से नई-नई शक्ति मिलकर धीमी आँच… Read More
इस चित्र को जल्दबाजी में तुलना मत समझ लीजियेगा। सालों बाद फिजां में सुरों की नई बयार चली है। जिसका जिक्र और स्वागत जरूरी है। तकरीबन चालीस साल से बिहार ही नहीं बल्कि देश, दुनिया में शारदा सिन्हा के सुर… Read More
उत्तर भारत में प्रकृति की उपासना का सबसे बड़ा पर्व छठ पूजा को माना जा सकता है। दीपावली के बाद यदि किसी पर्व में उत्तर भारतीयों का उत्साह बना रहता है तो वह छठ पूजा ही है। कहने के लिए… Read More
अभी थोड़ी देर पहले पटना उतरा। उतरते कुछ दूर पैदल चलते एक टैम्पू को हाथ दे रोका। फिर 300 सौ से बात शुरु हो, एतना नही, तब छोड़ीये, भक्क नही, जाईए, नहीं होगा, नय सकेंगे की जिरह करते करते 130… Read More
एक प्रोफेसर है उम्र तीस बरस सब कुछ ठीक है। नही है तो सिर पर बाल। इस वजह से वह 30 का होकर भी 40-50 का अंकल टाइप लगता है। ऐसे उजड़े चमन इस दुनिया में बहुत से हैं। लेकिन… Read More
जय हिन्द जय अखण्ड भारत देश मेरा आजाद हुआ जब रियासत रजवाड़ों में बिखरा था पटेल जी के अथक प्रयासों से तब एकीकृत हो निखरा था पाँच सौ बासठ रियासतों को नायक ने एक एक जोड़ लिया जूनागढ़ के संग… Read More
कभी अपनो ने लूटा कभी गैरो ने लूटा। पर में लुटता ही रहा। इस सभ्य समाज में।। किससे लगाएँ हम गुहार, जो मेरा दर्द समझ सके। मेरे ज़ख़्मों पर, मलहम लगा सके। और अपनी इंसानियत, को दिखा सके। और मुझे… Read More
आस्था से बढ़ कर कुछ भी नहीं। जिसकी जिसमें आस्था उसे वहीं से सब कुछ मिलता है। धन्ने जट्ट ने इसी आस्था के बल पर काले पत्थर में से भगवान को प्रकट हो कर सूखी रोटियां खाने पर मजबूर कर… Read More
चलो उस ओर, जहां सूरज निकलता है। पंख फैलाएँ, बिना रुके, बिना ठहरे। चलो उस ओर, जहां ऊर्जा-प्रकाश मिलता है। उम्मीद की किरणों से, हमारा मन प्रभावित होगा। ऊर्जा रूपी प्रकाश से, हमारा चेतन प्रकाशित होगा। प्रतिपल बढ़ता हमारा कदम,… Read More