rosni(1)

कविता : इंसानियत जिंदा हो जायेगी

जहाँ पर मिलता है अपनापन वहीं पर सुकून मिलता है। और हृदय में खुशी का बहुत आनंद बना रहता है। दिये की रोशन से जिस तरह प्रकाश चारों तरफ होता है। वैसे ही अपनेपन से जीवन में सदा ही कमल… Read More

shiv

कविता : धर्म कर्म का महीना

लगा है सावन का महीना विचारो में आस्था जगी है। धर्म की ज्योति भी देखो दिलों में जल उठी है। तभी तो सावन में देखो मंदिरो में भीड़ लगी है। और प्रभु दर्शन पाने की सभी में होड़ लगी है।।… Read More

adat

कविता : जिंदा रहनी चाहिए

मेरी आँखों में क्यों तुम आँसू बनकर आ जाते हो। और अपनी याद मुझे आँखों से करवाते हो। मेरे गमो को आँसुओं के द्वारा निकलवा देते हो। और खुशी की लहर का अहसास करवा देते हो।। मुझे गमो में रहने… Read More

dipak

कविता : स्वर संगम

तुम क्यों वेबजाह आ कर दिलके तारो को बजा देती हो। और फिर कही खो जाती हो क्या मिलता है ये करके। न सुकून से खुद रहते हो और न हमें रहने देते हो। मुदत हो गई तुम्हें भूले फिर… Read More

akh

कविता : आँखो का खेल

मिलाकर आँखे किसी से लुभा उनको लेते है। दिल की गैहरीयों में बसा उनको लेते है। और दिलकी धड़कनो में शमा उनको लेते है। फिर दो आत्माओं का मिलन करा देते है।। मोहब्बत करने वालो का निराला अंदाज होता है।… Read More

bhagwan

कविया :श्रीराम श्रीकृष्ण मिले

चलते चलते मुझे श्रीराम मिल गये । चलते चलते मुझे श्रीकृष्ण मिल गये । बातों ही बातों में वो पूछने लगे। क्या करते हो तुम? मैने कहाँ की मैं एक कवि हूँ जी। सुनकर दोनो जन जोर से हंस पड़े।… Read More

ramraj

लेख : नई चेतना का उदय

साथियों आज कल सत्ता और समय परिवर्तन का दौर चल रहा है। इसी कारण से, में आप से कुछ कहना चाह रहा हूँ। क्या हम सब पहले जैसे भारत का निर्माण करना चाहते है? जिसमे अमन चैन और शांति स्थापित… Read More

raat

गीत : क्यों बुलाते हो

खनकती चूड़ियाँ तेरी हमें क्यों बुलाती है। खनक पायल की तेरी हमें लुभाती है। हँसती हो जब तुम तो दिल खिल जाता है। और मोहब्बत करने को दिल ललचाता है।। कमर की करधौनी भी तेरी कुछ कहती है। जो प्यास… Read More

naam

कविता : स्वयं की दुनियां

आँखो से क्या कह दिया जिससे मन मचल उठा। दिल मेरा पिघल गया और उसी में मिल गया। जिससे मैं मोहब्बत को उस की तरस गया। और उस से मिलकर प्यार के सागर में डूब गया।। मोहब्बत एक नशा है… Read More

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कविता : इंसान की जिंदगी

इंसान ही इंसान को लाता है। इंसान ही इंसान को सिखाता है। इंसान ही इंसानियत समझता है। इंसान ही इंसान को मिटाता है।। देखो कही धूप कही छाव है कही ख़ुशी कही गम है। फिर भी इंसान ही क्यों इस… Read More