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कविता : कलम और तीर

कलम और तीर देते है लोगों को घाव सदा। कमल का उपयोग करते है कवि और लेखक गण। तीर का करते है उपयोग रणभूमि में योध्दागण। कामयाबी सदा मिलती है इनके उपयोग करने पर।। कवि लेखक की लेखनी से बदलते… Read More

rakhshabandhan

कविता : बहिन ने मांगा तोहफा

इस राखी पर भैया मुझे, बस यही तोहफा देना तुम। रखोगे ख्याल माँ-बाप का, बस यही एक वचन देना तुम , बेटी हूँ मैं शायद ससुराल से रोज़ न आ पाऊंगी। जब भी पीहर आऊंगी, इक मेहमान बनकर आऊंगी। पर… Read More

brother love

कविता : प्यारी बहिना

सारे जग में सबसे सच्चा। होता भाई बहिन का प्यार। संजय भैया का है कहना। राखी बांधो प्यारी बहना../ सावन की मस्ती ली फुहार। मधुरिम संगीत सुनती है। मेघों की ढोल ताप पर। वसुंधरा बहुत मुस्काती है…। आया सावन का… Read More

vari

कविता : वाणी से

हो बातें कही से भी शुरू पर खत्म मुश्कराहट से हो। ऐसे विचारो को सोचे और फिर उन्हें ही बोले। कर पाओगें यदि जीवन में तो जिंदगी खुशी से बिताओगें। और हर किसी के दिल में सदा ही तुम राज… Read More

naya itihas

कविता : नया इतिहास लिखेंगे

तेरे मेरे रिश्ते के किस्से बहुत माशूर है। हर दिल जुबान से लोग सुनाते रहते है। जिससे वीरान पड़े बाग आबाद होने लगे है। चारो तरफ खुशयाली अब देखो छा ने लगी है।। मोहब्बत करने का अब नजरिया भी बदलने… Read More

hindi diwass

गीत : हिन्दी मेरा साया है

मैं हिन्दी का बेटा हूँ हिन्दी के लिए जीत हूँ। हिन्दी में ही लिखता हूँ हिन्दी को ही पढ़ता हूँ। मेरी हर एक सांस पर हिन्दी का ही साया है। इसलिए मैं हिन्दी पर समर्पित करता अपना जीवन।। करें हिन्दी… Read More

badlaa

लघुकथा : बदला

विजय झा ने शराब की तस्करी करके करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली थी और अब उसने अपने काले धन को सफेद करने के लिए एक स्कूल खोल लिया था। उसने उस स्कूल का नाम अपने इकलौते बेटे अभिज्ञान के… Read More

bhrosa

कविता : संघर्ष ही जीवन है

सुनता हूँ आज मैं मानव जीवन की सच्चाई। न जीवन में हुआ कभी गमो का अंत। न खुशियों में आई कभी भी कोई कमी। गुजरा है मेरा जीवन खुशियों और गमों से।। इसी तरह से जीवन बना रहा संघर्षमय। हकीकत… Read More

amaa

कहानी : चल, भाग यहाँ से

“चल, भाग यहां से “ जैसे ही उसने सुना ,वो अपनी जगह से थोड़ी दूर खिसक गयी।वहीं से उसने इस बात पर गौर किया कि भंडारा खत्म हो चुका था। बचा -खुचा सामान भंडार गृह में रखा जा चुका था… Read More

akela pn

कविता : गम में डूब गया हूँ

दुनिया को खुश रखते-रखते ख़ुद ही गम में डूब गया हूँ स्वार्थ भरी दुनियादारी से मैं अब मन से ऊब गया हूँ इतना भी आसान नहीं है हँसना और हँसाते रहना भीतर-भीतर टूटते रहना बाहर से मुस्काते रहना घर-परिवार-समाज है… Read More