गिरती हुई अर्थव्यवस्था, को कौन बचाएगा। मरते हुए इंसान को, कौन बचाएगा। यदि ऐसा ही चलता रहा, तो देश डूब जाएगा। और इसका श्रेय फिर, किस को देओगे।। जब जब भी अच्छा हुआ, वो मेरी किस्मत थी। अब बढ़ रही… Read More

गिरती हुई अर्थव्यवस्था, को कौन बचाएगा। मरते हुए इंसान को, कौन बचाएगा। यदि ऐसा ही चलता रहा, तो देश डूब जाएगा। और इसका श्रेय फिर, किस को देओगे।। जब जब भी अच्छा हुआ, वो मेरी किस्मत थी। अब बढ़ रही… Read More
कहाँ से हम चले थे, कहाँ तक आ पहुंचे। सभी की मेहनत ने, दिखाया था जोश अपना। तभी तो हम भारत को, इतना विकसित कर सके। पिन से लेकर एरोप्लेन, अब हम बनाने जो लगे।। कड़ी लगन और परिश्रम, के… Read More
दिन/दिनांक : शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019, स्थान : सभागार GBSSS, भारत नगर , समय : दोपहर 1 बजे लेखक/ निर्माता / निर्देशक: आशुतोष श्रीवास्तव, TGT हिंदी प्रस्तुतकर्ता : GBSSS, भारत नगर के समस्त प्रतिभागी छात्र मार्गदर्शन : अखिल प्रकाश गुप्ता,… Read More
निर्भय होकर मतदान करें, देश का हम सम्मान करें। ‘साहित्य सिनेमा सेतु’ देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले सभी नागरिकों से विनम्र अनुरोध करता है कि दिल्ली में 8 फरवरी 2020 को होने वाले विधान सभा चुनाव में अपने… Read More
जोड़ जोड़कर तिनका, पहुंचे है यहां तक। अब में कैसे खर्च करे, बिना बजह के हम। जहां पड़े जरूरत, करो दबाकर तुम खर्च। जोड़ जोडक़र ……। रहता हूँ मैं खिलाप, फिजूल खर्च के प्रति। पर कभी न में हारता, मेहनत… Read More
सेक्सुअल भरम (bhrm) के अतिरेक और रक्तसनी छातियों वाली गुलनाज फरीबा की कहानी -स्वप्नपाश कल पूरे एक दिन में मनीषा कुलश्रेष्ठ का उपन्यास स्वप्नपाश पढ़ा। मैं मनीषा मैम से 2 कारणों से प्रभावित हूँ, एक उनके प्रकृति प्रेम और दूसरा… Read More
फ़िल्म का नाम: पंगा कास्ट: कंगना रनौत, ऋचा चड्ढा,नीना गुप्ता आदि निर्देशक: अश्विनी अय्यर तिवारी अपनी रेटिंग: 3 स्टार अब तक की क्वीन कंगना रनौत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। लोकप्रियता के बावजूद उन्होंने तनु वेड्स मनु, और मणिकर्णिका: द क्वीन… Read More
तुझे देखने का हर रोज़, हम इंतजार करते हैं। दिल से हम तुम्हें बहुत, प्यार करते है। कल का दिन तुझे देखे, बिना निकल गया। अब आज हमे तेरा, बहुत इंतजार है ।। आंखों से तीर छोड़ने की, जो तेरी… Read More
माँ शारद को शत बार नमन, तव चरणों में मम ध्यान रहे। हो नित आराधन माता का तब अर्जित सुंदर ज्ञान रहे ।। हो शुभ्र-सोच हम सब की माँ, जैसे हैं पावन वसन तेरे। मन भी कोमल हम सबका हो,… Read More
हम मानुष जड़मति तू मां हमारी भारती आशीष से अपने प्रज्ञा संतति का संवारती तिमिर अज्ञान का दूर करो मां वागीश्वरी आत्मा संगीत की निहित तुझमें रागेश्वरी वाणी तू ही तू ही चक्षु मां वीणा-पुस्तक-धारिणी तू ही चित्त बुद्धि तू… Read More