happy-new-year-2024

थोड़ी खुशियां, थोड़े गम थे,
यादें रह गई बाकी।

जिनको जो मिलना था मिल गया,
कुछ को आशा जरा सी।

‘अजस्र’ आशा से जीवन चलता,
दिन-दिन, पल-पल गिन-गिन।

आस टूटे तो श्वास टूट जाए,
गुजरा साल वो अपना ही।

दिन-दिन, महीनों गुजर गए,
गुजर गया यह साल।

साल-साल से गुजरे शताब्दी,
जाने कौन समय की चाल?

‘अजस्र’ सीख ले गुजरे समय से,
समय आगे, अनुभव अनूप।

जीवन पूंजी क्षरण हो रही,
आनंद धन ही बने सवाल।

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