“सबसे विकट आत्मविश्वास मूर्खता का होता है, हमें एक उम्र से मालूम है – हरिशंकर परसाई”। फिल्मों की “द फैक्ट्री “चलाने वाले निर्देशक राम गोपाल वर्मा महोदय ने डर के लेकर दिलचस्प प्रयोग किये।वो अपनी किसी फेम फिल्म में डर… Read More
“सबसे विकट आत्मविश्वास मूर्खता का होता है, हमें एक उम्र से मालूम है – हरिशंकर परसाई”। फिल्मों की “द फैक्ट्री “चलाने वाले निर्देशक राम गोपाल वर्मा महोदय ने डर के लेकर दिलचस्प प्रयोग किये।वो अपनी किसी फेम फिल्म में डर… Read More
रिपोर्टर कैमरामैन को लेकर रिपोर्टिंग करने निकला।वो कुछ डिफरेंट दिखाना चाहता था डिफरेंट एंगल से ।उसे सबसे पहले एक बच्चा मिला । रिपोर्टर ,बच्चे से-“बेटा आपका इस कानून के बारे में क्या कहना है”? बच्चा हँसते हुये-“अच्छा है,अंकल इस ठण्ड… Read More
“हुजूर,आरिजो रुख्सार क्या तमाम बदन मेरी सुनो तो मुजस्सिम गुलाब हो जाए, गलत कहूँ तो मेरी आकबत बिगड़ती है जो सच कहूँ तो खुदी बेनकाब हो जाए” इधर सताए हुए कुछ लोगों के जख्मों पर फाहे क्या रखे गए उधर… Read More
पुस्तक – कुछ नीति कुछ राजनीति लेखक – भवानीप्रसाद मिश्र पुस्तक समीक्षा – मयंक रविकान्त अग्निहोत्री भारतीय साहित्यिक इतिहास में श्रेष्ठ रचनाकारो की गिनती में भवानीप्रसाद मिश्र जी को सम्मिलित किया जाता है। कुछ नीति कुछ राजनीति पुस्तक उनके श्रेष्ठ… Read More
बनी धाय थी ,वही गाय हूं, करते क्यों तुम तिरस्कार । किस दिन लौटे,फिर जीवन में, मेरे वो… Read More
“खुदा करे इन हसीनों के अब्बा हमें माफ़ कर दें, हमारे वास्ते या खुदा, मैदान साफ़ कर दें” एक उस्ताद शायर की ये मानीखेज पंक्तियां बरसों बरस तक आशिकों के जुबानों पर दुआ बनकर आती रहीं थीं, गोया ये बद्दुआ… Read More
हे ! माँ मुझको गर्भ में ले ले, बाहर मुझको डर लागे। देह-लुटेरे, देह के दुश्मन, मुझको अब जन-जन लागे। अधपक कच्ची कलियों को भी, समूल ही डाल से तोड़ दिया। आत्मा तक को नोंच लिया फिर, जीवित माँस क्यों… Read More
वक्त के अंधेरे में वेवक्त ही मुलाक़ात हो जाये। दोस्ती न सही दुश्मनी की ही बात हो जाये। फिर से दोहरा लेते भूली – बिसरी यादों को, गुलो में गुलबहार न सही काँटा बबूल हो जायें, बात न करना तुम… Read More
हूं खुशकिस्मत अध्यापक हूं , हैं कार्यक्षेत्र मेरा अध्यापन। ज्ञान की अलख जगाने को ही, है मेरा सब समराथन । अज्ञान लोक यह जीवन है, इसमें अंधियारा रचा बसा। है परमपिता का परमाशीष, जो उससे लड़ने मुझे चुना। आदर्श बनाकर… Read More
गीत लिखते हो तुम, गीत गाता हूँ में। सुन कर मेरा गीत, मुस्कराते हो तुम। मेरे धड़कनो में, बस गए हो तुम। दिल मेरा अब, मेरे बस में बिल्कुल नही। कैसे तुम को बताऊं, हा ले इस दिल का। चोट… Read More