सत्ता से टकराने का साहस देता है साहित्य : प्रो. चितरंजन मिश्र*अमृत पर्व नागरी सम्मान व पतहर पत्रिका का औपचारिक लोकार्पण कार्यक्रम*देवरिया। कोई भी सत्ता कितनी ही ताकतवर क्यों ना हो वह साहित्य से ताकतवर नहीं हो सकती। इंजीनियर सड़क… Read More
सत्ता से टकराने का साहस देता है साहित्य : प्रो. चितरंजन मिश्र*अमृत पर्व नागरी सम्मान व पतहर पत्रिका का औपचारिक लोकार्पण कार्यक्रम*देवरिया। कोई भी सत्ता कितनी ही ताकतवर क्यों ना हो वह साहित्य से ताकतवर नहीं हो सकती। इंजीनियर सड़क… Read More
इसी सितंबर के शुरू में हिंदी-कश्मीरी संगम के बैनर तले बीस से अधिक लेखक लद्दाख के लेह नगर में जमा हुए। चार दिन के कार्यक्रम में पहले दो दिन साहित्य पर खुली बातचीत के लिए थे और बाद के दो… Read More
कहने को तो हिंदी हमारी भाषा है और इसके लिए ही हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया गया था कि हिन्दी ही भारत की… Read More
राष्ट्रभाषा, किसी संप्रभु राष्ट्र के अस्मिता, एकता, अभिव्यक्ति एवं संस्कृति की पहचान होती है।सुदृढ़ तथाअखंड भारत कीकल्पना राष्ट्रभाषा हिन्दी के बिना नहीं की जा सकती। भारत की संविधान सभा ने 14सितम्बर 1949 को सम्पूर्ण राष्ट्र के लिये हिन्दी की व्यापक स्वीकार्यता, बहुलवादी… Read More
छत्तीसगढ़ का बस्तर अंचल, आदिम संस्कृति एवं प्रकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यहां के लोक जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक कला रूप समाया हुआ है। ऐसे ही कला का एक रूप धनकुल है जो बस्तर अंचल… Read More
15 मई 1967 को मुंबई में जन्मी सबके दिलों की धड़कन धक धक गर्ल और देवदास की चंद्रमुखी यानी माधुरी दीक्षित एक सफ़ल भारतीय सिनेमा अभिनेत्रियों में से एक है। हिंदी सिनेमा के 80, 90 के दशक तक एक मुख्य… Read More
अक्सर हम हिंदी को राष्ट्रभाषा के काल्पनिक पचड़े में उलझाना चाहते हैं। मगर यह तर्कपूर्ण सत्य है कि हिंदी राष्ट्रभाषा थी इसीलिए ब्रिटिश भारत से आधुनिक स्वतंत्र भारत बनने के क्रम में संवैधानिक रूप से राजभाषा के पद पर हिंदी आसीन… Read More
राजभाषा हिंदी दो शब्दों से मिलकर बना है राज और भाषा। इसका सामान्य अर्थ है राजकाज की भाषा या शासन की भाषा। भारत में कई बार विदेशी आक्रमण हुए जिसमें शासन की भाषा अलग एवं शोषित की भाषा अलग होती… Read More
14 सितंबर, 1949 को भारतीय संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी भाषा को अखण्ड भारत की प्रशासनिक भाषा के ओहदे से नवाजा था। यही वजह है कि 1953 से प्रति वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के… Read More
एक बेहतर अभिनेता वह है जो अपने रचे हुए क्राफ्ट को बार बार तोड़ता है, उसमें नित नए प्रयोग करता है और अपने दर्शकों, आलोचकों, समीक्षकों को चौंकाता है। बीते सालों में पंकज त्रिपाठी ने लगातार इस तरह के प्रयोग… Read More