रोज सबेरे तुम सब जागो नित्य क्रियाओं से निवृत हो। फिर योग गुरु को याद करो और योग साधना तुम करो। स्वस्थ और निरोगी रहोगे तुम और एकदम सुंदर दिखाओगें। मानव शरीर का अंग व पुर्जा एक दम से तुम्हारा… Read More
रोज सबेरे तुम सब जागो नित्य क्रियाओं से निवृत हो। फिर योग गुरु को याद करो और योग साधना तुम करो। स्वस्थ और निरोगी रहोगे तुम और एकदम सुंदर दिखाओगें। मानव शरीर का अंग व पुर्जा एक दम से तुम्हारा… Read More
हम जिन्हें चाहते है वो अक्सर हमसे दूर होते है। जिंदगी याद करें उन्हें जब वो हकीकत में करीब होते है।। मोहब्बत कितनी रंगीन है अपनी आँखो से देखिये। मोहब्बत कितनी संगीन है खुद साथ रहकर के देखिये।। है कोई… Read More
आज का दौर कुछ अलग तरह का है। न इसमें रिश्ते और न अपनापन बचा है। चारो तरफ शोर सरावा और दिखावा है। होड़ लगी है सबमें हम सबसे श्रेष्ठ है।। मैं अपने में पूर्ण नहीं हूँ ये मुझे पता… Read More
समय की सीमा है अपनो का प्यार है। और अगले वर्ष का अब हमे इन्तजार है। इसलिए अब लेता हूँ आप सभी से विदा। रहेगी जिंदगी तो हम फिर आप से मिलेंगे। श्री चन्द्रप्रभु समूह में अगले पर्युषण पर्व पर।।… Read More
आज और कल में क्या है अंतर और आने वाले कल में क्या होगा। क्या इंसान इंसान को समझेगा और अपनी इंसानियत जिंदा रखेगा। और क्या एक दूसरे को ही वो अपना शिखार बनायेगा। इसकी भविष्य वाणी क्या कोई आज… Read More
मन मंदिर में आन विराजो मेंहर वाली मातारानी। दर्शन की अभिलाषा लेकर आ गये हम मेंहर में। तुमको अपने दर्शन देने बुला लो हमें मंदिर में। हम तो तेरे बच्चे है काहे घूमा रही हो दुनिया में।। कितने वर्षो से… Read More
ये दुनियाँ बहुत सुंदर है मुझे रहना नहीं आया। ये जिंदगी बहुत खूबसूरत है मुझे इसे जीना नहीं आया। दिया क्या कुछ प्रकृति ने इसे भोगने के लिए। मगर मेरी मन में तो कुछ और चल रहा था। इसलिए छोड़कर… Read More
अगर दर्द न होता तो खुशी की कीमत न होती। अगर चाहने से मिल जाता सब कुछ दुनियाँ में तो..। ऊपर वाले की किसी को जरूरत न होती। और खुद ही बन जाता अपना भाग्य विधाता।। भूला दो बीता हुआ… Read More
तेरा आशीष पाकर, सब कुछ पा लिया हैं। तेरे चरणों में हमने, सर को झुका दिया हैं। तेरा आशीष पाकर …….। आवागमन गालियां न हत रुला रहे हैं। जीवन मरण का झूला हमको झूला रहे हैं। आज्ञानता निंद्रा हमको सुला… Read More