मैं कर लूंगा किनारा तुझ से कुछ इस तरह
की दोबारा राब्ता ना हो सकेगा
समेट लूंगा मैं खुद को इस तरह
खुलकर दोबारा तेरा ना हो सकूंगा
चला जाऊंगा मैं इतना दूर
मुद्दत्तो बाद भी तुझसे मिल ना सकूंगा
भुला दूंगा मैं तुझको, तेरी यादों, तेरी बातों,
तुझ से जुड़े हर एक एहसासों को
की तनहाई में भी तुझको दोबारा याद ना कर सकूंगा
आ जाए जो गलती से तेरी याद मुझे
तौबा कह नाम खुदा का लूंगा,
आए तेरा नाम जो महफिले गुफ्तगू में
कौन कह कर मैं महफिल बदल दूंगा
हां लेकिन
रह जाएंगे तो बस तेरे पास मेरी यादें
मेरी बातें और कुछ एहसासे।
हां भुला दूंगा मैं तुझको, तेरी यादों, तेरी बातों,
तुझे जुड़े हर एक एहसासों को
की तन्हाई में भी तुझको दोबारा याद न कर सकूंगा।