कहानी संग्रह “अधूरी नहीं हूँ” का लोकार्पण

30 अगस्त 2025 को साहित्य अकादमी, दिल्ली के सभागार में कथाकार अंजु वेद के पहले कहानी संग्रह “अधूरी नहीं हूँ” के लोकार्पण व पुस्तक परिचर्चा का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन कस्तूरी नामक संस्था के द्वारा किताबें बोलती हैं… Read More

राजर्षि उदय प्रताप सिंह की 175वीं जयंती पर भव्य समारोह का आयोजन

आज राजर्षि उदय प्रताप सिंह जू देव की 175वीं जयंती के अवसर पर राजर्षि सभागार में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता सरेनी विधानसभा, रायबरेली के पूर्व विधायक श्री सुरेन्द्र बहादुर सिंह ने किया। अपने… Read More

पुस्तक समीक्षा : पत्रकारिता में प्रतिक्रिया : एक पाठक की कलम से

पत्रकारिता में प्रतिक्रिया : एक पाठक की कलम से” में समाज चेतना के विविध प्रसंग साहित्य समाज का दर्पण इसलिए है, क्योंकि समाज की वास्तविक स्थिति को विभिन्न माध्यमों से साहित्य ही सार्वजनिक करता है। साहित्य को समाज परिवर्तन का एक… Read More

पुस्तक समीक्षा : पृथ्वी घूम रही है

“पृथ्वी घूम रही है, कहानी संग्रह में जीवन के संघर्ष” प्राचीन समय में भी मौखिक रूप से कथा कहानियों की परंपरा रही है। ज्यादातर कहानियों लोक कथाओं का विशेष महत्व रहा है। समकालीन हिंदी कहानी में भी समाज की विडंबनाएं,… Read More

लघुकथा : आज का नाम ज़िंदगी

मुंबई के कांदिवली इलाके की एक पुरानी बिल्डिंग की तीसरी मंज़िल पर वर्मा परिवार रहता था। मध्यमवर्गीय लेकिन बेहद संतुलित और खुशहाल। राजीव वर्मा एक निजी बैंक में असिस्टेंट मैनेजर थे, उनकी पत्नी नीलिमा गृहिणी थीं, और उनका इकलौता बेटा… Read More

मेधावी छात्र-छात्राओं ने नेट पास कर बढ़ाया हिंदी विभाग का मान

हिंदी विभाग, उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी विगत कई वर्षों से शैक्षणिक स्तर पर महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करता रहा है। इसी कड़ी में इस वर्ष भी विभाग के चार छात्र-छात्राओं ने यूजीसी नेट-2025 परीक्षा क्वालीफाई किया है। यह निश्चित रूप से… Read More

कविता : जहाँ शिव हैं

शुभ श्रावण मास, शिव तत्व विचार, जहाँ शिव हैं, नंदी भी साथ धार।। जहाँ धर्म है, शिव भी वास करें, जहाँ शिव हैं, धर्म का प्रकाश भरे।। शिवजी का वाहन वृषभ धर्म स्वरूप, धर्म की सवारी, शिव करते अनूप।। जीवन… Read More

व्यंग्य : जाने से पहले

पत्नीजी गर्मी की छुट्टियों में मायके जाने लगीं। साले साहब लेने आये थे और उस पर तुर्रा यह था कि चार पहिया से लेने आये थे। बरसों पहले एम्बेसडर से ब्याह कर मेरे घर आई पत्नी अब स्कार्पियो से मायके… Read More

ग़ज़ल : बेटियाँ

फूलों के जैसे मुस्कुराई बेटियाँ भंवरों के जैसे गुनगुनाई बेटियाँ माँ, बेटी, अनुजा और तिय के रूप में रिश्ता वो सभी से ही निभाई बेटियाँ बेटे की चाहत में यूँ माँ-बाप ने फिर कोख में ही मार गिराई बेटियाँ वर-दक्षिणा… Read More