कल की फ़िक्र में, आज का बिगाड़ मत करिये मरने से पहले ही, कफ़न का जुगाड़ मत करिये भला कल तक रहेगा कौन ये किस को पता है, यूं हाथों में आईं, ख़ुशियों का कबाड़ मत करिये अपने ख्वाबों को झूठी उड़ान मत दो तो बेहतर, सच तो सच ही रहेगा, राई का पहाड़ मत करिये मिलती है मुश्किलों से अपनों की मोहब्बत यारा, रखिये ज़रा संभाल के, इसका दोफाड़ मत करिये चमन में तो गुल खिलेंगे अपने ही वक़्त पे “मिश्र”, पर जल्दी की चाहत में, इसका उजाड़ मत करिये +10
