ग़ज़ल : कल की फ़िक्र में

कल की फ़िक्र में, आज का बिगाड़ मत करिये  मरने से पहले ही, कफ़न का जुगाड़ मत करिये भला कल तक रहेगा कौन ये किस को पता है, यूं हाथों में आईं, ख़ुशियों का कबाड़ मत करिये अपने ख्वाबों को झूठी उड़ान मत दो तो बेहतर, सच तो सच ही रहेगा, राई का पहाड़ मत करिये मिलती है मुश्किलों से अपनों की मोहब्बत यारा, रखिये ज़रा संभाल के, इसका दोफाड़ मत करिये चमन में तो गुल खिलेंगे अपने ही वक़्त पे “मिश्र”, पर जल्दी की चाहत में, इसका उजाड़ मत करिये  +10

भजन : विद्यासागर जी द्वारा कल्याण

आचार्यश्री के 53वे दीक्षा दिवस पर संजय जैन द्वारा रचित भजन उनके चरणों मे समर्पित है। जो चलते हो नंगे पाँव, जगत कल्याण के लिए। एक बार तो जय कारा लगाओ, विद्यासागर मुनिराज के लिए।। गांव गांव में जाकर, जैन… Read More

कविता : घर परिवार को जाने

गुजर गए इतने दिन, तो बाकी भी निकल जाएंगे। घर में रहना क्या होता, समझ में आ गया होगा। कैसे दिनभर घर में कोई, अकेला रह सकता है। यही काम तो तुम्हारी, धर्मपत्नी अकेले करती है। और घर के काम… Read More

ghazal tumse hi payar hoga

ग़ज़ल : तुमसे ही प्यार होगा

नासूर का तु कब तक यूं हीं शिकार होगा नासूर को भी इक दिन तुमसे ही प्यार होगा तुम पे न हक़ ज़तायें कहती हो ग़र मिरी जां तो ख्वाब में ही कम से कम इख़्तियार होगा दिखती ही वो… Read More

ghazal sirf tum-mere

ग़ज़ल : तुम सिर्फ़ मेरी

किस तरह शब-ओ-सुबह कह दूं तुम्हें तुम सिर्फ़ मेरी तुम दो तो कोई वजह कह दूं तुम्हे तुम सिर्फ मेरी ग़म – ए – गेसू की ये तह कह दूं तुम्हे तुम सिर्फ़ मेरी तुम ख़ुदा हो किस तरह कह… Read More

poem love is not easy

कविता : इश्क आसान नही

क्यों एक पल भी तुम बिन रहा नहीं जाता। तुम्हारा एक दर्द भी मुझसे सहा नहीं जाता। क्यों इतना प्यार दिया तुमने मुझ को। की तुम बिन अब जिया नहीं जाता।। तुम्हारी याद आना भी कमाल होता है। कभी आकर… Read More