सफर में आनंद आता है
जब मिले है अच्छे लोग।
तो मस्ती से कट जाता
अपनी यात्रा का दौर।
बात ही बातों का
जहाँ चलता रहता है दौर।
कोई जोक सुनाता है
तो कोई गीत गाता है।।
सभी के आनंद लेने का
अलग अंदाज होता है।
कोई भागीदार होता है
तो कोई श्रोता होता है।
भागीदार सभी बनते है
हर जाति धर्म के लोग।
तभी तो मौज मस्ती से
गुजर जाता है ये वक्त।।
उतरते जाते है यात्री
अपनी मंजिल आने पर।
नये यात्री जुड़ जाते हैं
उतरने वाले की जगह।
वो भी हिल मिल जाते है
चलती हुई मंडली में।
और अपनी यात्रा का
वो भी आनंद लेते है।।