nayasawera2023

आओ, खुशियां बाहों में भर लें,
आज लक्ष्य नए अपनाए ।

नए वर्ष की नवकिरणों से,
अंधियारों को मिटाए ।

‘ अजस्र ‘ आरंभ ये नव वर्ष का,
सुखद स्मृतियां आधार बने।

दुःख की काली रातें भूलकर,
खुशियों के दिन को उजलाएँ।

तीन सौ पैंसठ पुनरावृति,
माह बारह शुरुआत ।

चीजें नई-नई होनी अब ,
होनी नई फिर बात ।

‘ अजस्र ‘ दुआ ये ही है मांगे,
होवें मुरादें पूरी ।

दिन होली हो ,रात दिवाली
हो खुशियों की बरसात ।

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