लेख : पर्दे के साथ-साथ संवाद और कहानी के शिल्पी ‘कादर ख़ान’

कादर ख़ान की फिल्मों में उनका अभिनय केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं था; वह समाज, परिवार और मानवीय संवेदनाओं का दर्पण भी थे। कुली नंबर 1, जुड़वा, अमर अकबर एंथोनी, मुकद्दर का सिकंदर, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, हीरो नंबर 1,… Read More

लेख : जहाँ हँसी भी करुणा बन जाती है, ‘असरानी’ की याद में

असरानी (पूरा नाम : गोवर्धन असरानी) — एक ऐसा नाम जो अपने आप में हँसी की गूंज है पर उस हँसी के पीछे छिपी हुई गहरी मानवीय संवेदना शायद ही किसी ने उतनी स्पष्टता से देखी हो। हिन्दी सिनेमा के… Read More

मित्रता की परिभाषा : श्री कृष्ण और सुदामा

हिंदी दिवस के अवसर पर प्रस्तुत करते हैं ‘गीतिनाट्य’ मित्रता की परिभाषा : श्री कृष्ण और सुदामा (पात्र : कृष्णा, आदर्श, किशन, रोहित, फैज़ान एवं मोहित) (ध्वनि संपादन : राज, यश) परिकल्पना एवं निर्देशन : श्री आशुतोष श्रीवास्तव  +260

लेख : हिंदी को किससे लाभ और किससे नुकसान?

हिंदी को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जन-जन में लोकप्रिय बनाने में वर्तमान दौर के हिंदी में लाइब्रेरी संस्करण किताबें लिखने वाले लेखकों और सरकारी प्रयासों का कोई योगदान नहीं है। इन्होंने हिंदी दिवस अभियान का केवल निजी लाभ उठाया है। हिंदी… Read More

लेख : हिंदी राष्ट्रभाषा कब तक?

राष्ट्रभाषा, किसी संप्रभु राष्ट्र केअस्मिता,एकता,अभिव्यक्ति एवं संस्कृति की पहचान होती है। सुदृढ़ तथाअखंड भारत कीकल्पना राष्ट्रभाषा हिन्दी के बिना नहीं की जा सकती। भारत की संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को सम्पूर्ण राष्ट्र के लिये हिन्दी की व्यापक स्वीकार्यता,… Read More

लेख : Gen Z क्या है?

“Gen Z” यानी Generation Z एक पीढ़ी (Generation) को दर्शाने वाला शब्द है। इसी तरह समाजशास्त्रियों और इतिहासकारों ने अलग-अलग जन्म सालों के आधार पर पीढ़ियों के नाम दिए हैं। आमतौर पर ये वर्गीकरण अमेरिका/पश्चिमी समाज के हिसाब से बना… Read More

साहित्य संस्कृति फाउंडेशन द्वारा संस्कृति पर्व का हुआ आयोजन

मंडी हाउस स्थित त्रिवेणी कला संगम सभागार में साहित्य संस्कृति फाउंडेशन की ओर से संस्कृति पर्व का आयोजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि दिल्ली सरकार में कला संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली के… Read More

पुस्तक समीक्षा : पृथ्वी घूम रही है

“पृथ्वी घूम रही है, कहानी संग्रह में जीवन के संघर्ष” प्राचीन समय में भी मौखिक रूप से कथा कहानियों की परंपरा रही है। ज्यादातर कहानियों लोक कथाओं का विशेष महत्व रहा है। समकालीन हिंदी कहानी में भी समाज की विडंबनाएं,… Read More

लघुकथा : आज का नाम ज़िंदगी

मुंबई के कांदिवली इलाके की एक पुरानी बिल्डिंग की तीसरी मंज़िल पर वर्मा परिवार रहता था। मध्यमवर्गीय लेकिन बेहद संतुलित और खुशहाल। राजीव वर्मा एक निजी बैंक में असिस्टेंट मैनेजर थे, उनकी पत्नी नीलिमा गृहिणी थीं, और उनका इकलौता बेटा… Read More