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कविता : हिंदी है भारत की पहचान

हिंदी है भारत की पहचान, इससे बढ़ती अपनी शान। मातृभाषा का मान बढ़ाएँ, हिंदी को हम अपनाएँ। सरल, मीठी, सच्ची भाषा, सबको करती पास पासा। दिल से दिल का तार मिलाए, हिंदी का सम्मान बढ़ाए। पढ़ो लिखो और बोलो हिंदी,… Read More

लेख : हिंदी की प्रासंगिकता

हिंदी हमारे जीवन की वह भाषा है, जिसमें हम अपने घर की चौखट से लेकर बड़े-बड़े मंचों तक सहजता से संवाद करते हैं। यह केवल बोलचाल की भाषा नहीं, बल्कि हमारे संस्कारों और संस्कृति की धड़कन है।आज हम देखते हैं… Read More

कविता : हिंदी करती निवेदन सबसे

मैं हिंदी हूँ महोदय, मुझे विश्व में जाना जाता है, दुनिया में तीसरे स्थान पर, मुझे ही बोला जाता है। संविधान में राजभाषा का, दर्जा भी दिया जाता है, 14 सितंबर को, दिवस भी मनाया जाता है। राजकाज की भाषा… Read More

साहित्य संस्कृति फाउंडेशन द्वारा संस्कृति पर्व का हुआ आयोजन

मंडी हाउस स्थित त्रिवेणी कला संगम सभागार में साहित्य संस्कृति फाउंडेशन की ओर से संस्कृति पर्व का आयोजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि दिल्ली सरकार में कला संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली के… Read More

कहानी संग्रह “अधूरी नहीं हूँ” का लोकार्पण

30 अगस्त 2025 को साहित्य अकादमी, दिल्ली के सभागार में कथाकार अंजु वेद के पहले कहानी संग्रह “अधूरी नहीं हूँ” के लोकार्पण व पुस्तक परिचर्चा का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन कस्तूरी नामक संस्था के द्वारा किताबें बोलती हैं… Read More

राजर्षि उदय प्रताप सिंह की 175वीं जयंती पर भव्य समारोह का आयोजन

आज राजर्षि उदय प्रताप सिंह जू देव की 175वीं जयंती के अवसर पर राजर्षि सभागार में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता सरेनी विधानसभा, रायबरेली के पूर्व विधायक श्री सुरेन्द्र बहादुर सिंह ने किया। अपने… Read More

पुस्तक समीक्षा : पत्रकारिता में प्रतिक्रिया : एक पाठक की कलम से

पत्रकारिता में प्रतिक्रिया : एक पाठक की कलम से” में समाज चेतना के विविध प्रसंग साहित्य समाज का दर्पण इसलिए है, क्योंकि समाज की वास्तविक स्थिति को विभिन्न माध्यमों से साहित्य ही सार्वजनिक करता है। साहित्य को समाज परिवर्तन का एक… Read More

पुस्तक समीक्षा : पृथ्वी घूम रही है

“पृथ्वी घूम रही है, कहानी संग्रह में जीवन के संघर्ष” प्राचीन समय में भी मौखिक रूप से कथा कहानियों की परंपरा रही है। ज्यादातर कहानियों लोक कथाओं का विशेष महत्व रहा है। समकालीन हिंदी कहानी में भी समाज की विडंबनाएं,… Read More

लघुकथा : आज का नाम ज़िंदगी

मुंबई के कांदिवली इलाके की एक पुरानी बिल्डिंग की तीसरी मंज़िल पर वर्मा परिवार रहता था। मध्यमवर्गीय लेकिन बेहद संतुलित और खुशहाल। राजीव वर्मा एक निजी बैंक में असिस्टेंट मैनेजर थे, उनकी पत्नी नीलिमा गृहिणी थीं, और उनका इकलौता बेटा… Read More