कविता : मोहब्बत ने सीखा दिया

मेरी मोहब्बत ने मुझे, लिखना सीखा दिया। लोगो के मन को, पढ़ना सीखा दिया। बहुत कम होंगे जो मुझे,  पढ़ने की कोशिस करते होंगे। वरना जमाने वालो ने तो, मरने को छोड़ दिया था। न धोका हमने खाया है, न… Read More

गीत : जवानों को सलाम

सलाम करते हैं हम, उन वीर जवानों को। जिनकी दम पर हम, घरों में आराम करते हैं। और वो देते हैं पहरा, सीमा पर खड़े होकर। उन्ही की दम पर हम, अमन चैन से रहते हैं।। उन्हें क्या मिलता हैं, देश सेवा करने से। किसने उनसे पूछा, कभी उनकी मर्ज़ी को। उनके सीने में देश सेवा, का भाव धड़कता हैं। तभी तो वो सेना में, हुआ करते हैं भर्ती।। जरा सोचो तुम लोगो, वहां पर कौन रह सकता। जहां पर मौत का खतरा, सदा ही बना रहता हैं। फिर क्यो ये रास्ता चुनते हैं ये लोग ? क्योंकि उनके सीने में, देश सेवा की आग जलती है।। इसलिए संजय उनके, माँ बाप को करता है सलाम।… Read More

कविता : वतन से मोहब्बत निभा गए

सारी दुनियाँ से अपनी, पहचान मिटाकर चले गए, भिगोकर खून में वर्दी, कहानी दे गए अपनी। मोहब्बत वाले दिन, वतन पर जान लुटा गए, और वतन से मोहब्बत वो, इस कदर निभा गए॥ अपनी सारी खुशियाँ और, अरमान लुटाकर चले… Read More

kalam ka kamal

गीत : कलम का कमाल

लिखता मैं आ रहा, गीत मिलन के मैं । कलम मेरी रुकती नही, लिखने को नए गीत। क्या क्या में लिख चुका, मुझको ही नही पता। और कब तक लिखना है, ये भी नही पता। लिखता में आ रहा…..।। कभी… Read More

गीत : प्यार में छलावा

जबसे मिली है नजरें, बेहाल हो रहा हूँ। तुमसे मोहब्बत करने, कब से तड़प रहा हूँ॥ कोई तो हमें बताये, कहाँ वो चले गए हैं। रातों की नींद चुराकर, खुद चैन से सो रहे हैं॥ ये कमबख्त मोहब्बत, क्या-क्या हमें… Read More

कविता : क्या स्तर है?

गिरती हुई अर्थव्यवस्था,  को कौन बचाएगा। मरते हुए इंसान को, कौन बचाएगा। यदि ऐसा ही चलता रहा, तो देश डूब जाएगा। और इसका श्रेय फिर, किस को देओगे।। जब जब भी अच्छा हुआ, वो मेरी किस्मत थी। अब बढ़ रही… Read More

गीत : क्या था भारत?

कहाँ से हम चले थे, कहाँ तक आ पहुंचे। सभी की मेहनत ने, दिखाया था जोश अपना। तभी तो हम भारत को, इतना विकसित कर सके। पिन से लेकर एरोप्लेन, अब हम बनाने जो लगे।। कड़ी लगन और परिश्रम, के… Read More

कविता : आदर्श परिवार

जोड़ जोड़कर तिनका, पहुंचे है यहां तक। अब में कैसे खर्च करे, बिना बजह के हम। जहां पड़े जरूरत, करो दबाकर तुम खर्च। जोड़ जोडक़र ……। रहता हूँ मैं खिलाप, फिजूल खर्च के प्रति। पर कभी न में हारता, मेहनत… Read More

कविता : इंतजार है

तुझे देखने का हर रोज़,   हम इंतजार करते हैं। दिल से हम तुम्हें बहुत, प्यार करते है। कल का दिन तुझे देखे, बिना निकल गया। अब आज हमे  तेरा, बहुत इंतजार है ।। आंखों से तीर छोड़ने की, जो तेरी… Read More

गीत : तिरंगे की शान

सुनो मेरे देशवासियों, मनाने जा रहे,  71व गणतंत्र दिवस, कुछ संकल्प ले लो। नहीं करेंगे कोई भेद, हम जाती और धर्म पर। समान भाव सबके प्रति, हम सब मिलकर रखेंगे। तभी हमारा ये देश, दिखेगा विश्व में विशेष।। हमें इस… Read More