सारी दुनियाँ से अपनी,
पहचान मिटाकर चले गए,
भिगोकर खून में वर्दी,
कहानी दे गए अपनी।
मोहब्बत वाले दिन,
वतन पर जान लुटा गए,
और वतन से मोहब्बत वो,
इस कदर निभा गए॥
अपनी सारी खुशियाँ और,
अरमान लुटाकर चले गए,
मोहब्बत मुल्क की सच्ची,
निशानी दे गए अपनी।
इसलिए वो हिन्दुस्तां पर,
जान लुटाकर चले गए,
और वतन से मोहब्बत वो,
इस कदर निभा गए॥
तम्मन्ना थी दिल में कि,
मेरा भारत खुशहाल रहे,
इसलिए मनाते रह गए,
वेलेंटाइन-डे यहाँ हम-तुम।
और वहाँ कश्मीर में सैनिक,
जवानी दे गए अपनी…,
और वतन से मोहब्बत वो,
इस कदर निभा गए॥
शांति वार्ता से अब तक,
क्या हमको है मिला,
क्या पाया-क्या खोया,
देशवासियों को वो बता गए।
माँ-बाप,बीबी-बच्चों को,
वतन के हवाले छोड़ गए,
और वतन से मोहब्बत वो,
इस कदर निभा गए॥
मैं दिल से उन शहीदों को नमन करता हूँ और
श्रृध्दांजली आज मोहब्बत दिवस पर वो सच्ची मोहब्बत वतन से निभा गये।
जय हिंद 

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *