ग़ज़ल : इक रोज़ तुझे अपनी दुलहन बनाऊंगा मैं…

तुझे इस तरह से ज़िन्दगी में लाऊंगा मैं…इक रोज़ तुझे अपनी दुल्हन बनाऊँगा मैं…।ना रहेगा डर फिर हमें इस ज़माने का…..शौक से तुझे अपनी धड़कनें सुनाऊंगा मैं…।बस इक बार मेरा हमसफ़र बन के तो देख ले…सारे जहाँ की खुशियां तुझपे… Read More

ग़ज़ल : तुझपे ग़ज़ल लिखूं…

तुझपे ग़ज़ल लिखूं या कोई किताब लिख दूँ…दिल करता है तुझे महकता हुआ ग़ुलाब लिख दूँ…।तेरे हुस्न की जहाँ में कोई मिसाल नहीं है…तुझे आसमां पे चमकता हुआ माहताब लिख दूँ…।तेरी खूबसूरती वो दहकता हुआ शोला है….कभी कभी लगता है… Read More

गीत : तुझसे दूर भला कैसे जाऊं मैं

तुझसे दूर भला कैसे जाऊं मैंदिल का हाल किसे सुनाऊं मैं तू हर्फ़ दर हर्फ़ याद है मुझेतुझे भला किस तरह भुलाऊँ मैं दिल में बस तेरी ही तस्वीर लगी हैकिसी और को इसमें कैसे बसाऊं मैं तुझे खोने का… Read More

ग़ज़ल: एक पल में हालात बदलते देखा है

एक पल में हालात बदलते देखा है साँझ से पहले सूरज ढलते देखा है… कल तक जो मुझपे जान लुटाते थे आज उन ही के हाथों में मैंने खंजर देखा है…। दिल के क्या हालात बताऊँ…? एक उदासी फैली है….… Read More