तुझे इस तरह से ज़िन्दगी में लाऊंगा मैं…
इक रोज़ तुझे अपनी दुल्हन बनाऊँगा मैं…।
ना रहेगा डर फिर हमें इस ज़माने का…..
शौक से तुझे अपनी धड़कनें सुनाऊंगा मैं…।
बस इक बार मेरा हमसफ़र बन के तो देख ले…
सारे जहाँ की खुशियां तुझपे लुटाऊंगा मैं…।
तेरे हुस्न को देख के हूरें भी रश्क़ करेंगी….
चाँद सितारों से तेरी मांग सजाऊंगा मैं…।
हर शख्स की ज़बां पर हमारा ही फ़साना होगा…
मुहब्बत को इतनी बुलंदी पर पहुँचाऊँगा मैं…।
इक आँसू भी तेरी आँख से गिरने ना पायेगा…
हर अश्क़ तेरा अपनी पलकों से उठाऊंगा मैं…।
काश वो मेरी ज़िंदगी में शामिल हो जाये “साहिल”….
फिर, ज़िन्दगी का हर लम्हा उसके साथ बिताऊंगा मैं….।
साहिल सैफी
