सावन का महीना चल रहा
शिव-पार्वती जी का आराम।
गृहस्थ और कुवारों को भी
काम काज से मिली है छुट्टी।
जिसके चलते कर सकते है
शिव पार्वती जी की भक्ति।
श्रध्दा भक्ति हो गई कबूल तो
मिल जायेंगे साक्षात दर्शन।।
कहते है साधु-संत और भक्तगण
होता है पावन महीना सावन का।
जो सब को मौका देता है
अपने पापों को धोने का।
जीव हिंसा भी कम होती है
सावन के इस पवित्र महीने में।
इसलिए प्रभु प्रसन्न हो जाते
सबसे ज्यादा इसी महीने में।।
जो करते हैं सावन सोमवार का
व्रत उपवास और उपासना आदि।
और करते हैं मन्दिर जाकर
पूजा अर्चना शिव-पार्वती की।
वो सुयोग वर और वधू पाते है
इस व्रत के फल के रूप में।
इसलिए तो नर नारियों को
भाता है सावन का महीना।।