सुर साम्राज्ञी, स्वर कोकिला भारतरत्न लता मंगेशकर हमारे बीच सदा युगों-युगों तक अपने गीतों के माध्यम से उपस्थित रहेंगी। संगीत का मतलब लता मंगेशकर कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। या यूँ कहें कि संगीत का जब भी नाम लिया जाएगा तो हम उन्हें भुला न पाएँगे। बच्चे, बूढ़े और जवान हर उम्र के लिए वो उनकी हमउम्र थीं। लगभग 36 भाषाओं में 30,000 से ज्यादा गाना गाने वाली, ऐसी महान गायिका लता मंगेशकर जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
नाम गुम जायेगा, चेहरा ये बदल जायेगा
मेरी आवाज़ ही, पहचान है
गर याद रहे
वक़्त के सितम, कम हसीं नहीं
आज हैं यहाँ, कल कहीं नहीं
वक़्त से परे अगर, मिल गये कहीं
मेरी आवाज़ ही, पहचान है…
(सुर साम्राज्ञी लता दी के कुछ बेहतरीन सदाबहार गीत)
(साभार : गाने सुने अनसुने)