स्थिरता हो मन में जिसके
वो मनमीत चुनो तुम,
ये चकाचौंध बहुत भटकाती है
सादगी भा जाये जिसकी
वो मनमीत चुनो तुम,
ये दुनिया झूठे ख्वाब बहुत दिखाती है
हर भावों को न तौलौ तुम
समाज के दकियानूसी तराजू में,
यहाँ हर विश्वास की एक कीमत अदा होती है
सच्चाई नजर आए जिसकी आँखों में
वो मनमीत चुनों तुम।
हर इंसान अपना कीमती
मशवरा देंगे तुम्हें
पर तुम उनकी बातों में न आना,
लहजों से परखना सीरत तुम
हाओ भावों को टटोलना
संस्कार नजर आए जिसकी परवरिश में
वो ही मनमीत चुनना तुम।
आज की ऊहापोह भरी जिंदगी में
सबसे पहले सुकून ढूँढना तुम,
स्टेटस से पहले
खुशी चुनना तुम,
स्थिरता हो जिसके मन में
वो ही मनमीत चुनना तुम।