क्या क्या अब तक देख चुका।
और क्या क्या देखना बाकी है।
जीवन की इस राह पर
क्या क्या सहना बाकी है।
बंद आँख और मुँह कान
इसका मूल आधार है।।
गुमशुम रहना और सहना
तेरा ये आधार नहीं।
चलना फिरना और संभलना
जीवन पथ का सार यही।
कहना करना और चुप न रहना
यही तेरा बड़ा अधिकार सही।
जीवन पथ पर चलते रहना
जिंदा रहने का प्रमाण यही।।
आया जब से दुनियां में
तब से यही तो देख रहा।
मौनी धारण करके तू
किसका लिहाज कर रहा।
नहीं किसी को तेरी चिंता
फिर क्यों तू सोच रहा।
अपने जीवन का ये सच
क्यों दुनियां से छुपा रहा।।