desh bhakti

तेरी मेहनत रंग लाई है
तभी खुशियाँ घर आई है।
आंगन में किलकारी गूँज रही
और दिल में तरंगे छाई है।
सच मानो जैसे आज ही
घर में दिवाली आई है।
सभी के दिलों में देखो
अपार खुशियाँ छाई है।।

बोये बीज प्रेम के तो
फसल प्रेम की होये।
सारे जग में देखो
अमन चैन फिर होये।
सुख शांति का ये मंत्र
हर घर में गूंजे।
और अपने देश का नाम
विश्व में स्थापित होये।।

जब जब गूँजेगा ये
शांति का गुरु मंत्र।
तब तब अपने देश का
डंका दुनियाँ में बजेगा।
और हर भारतीय का
सिर गर्व से उठेगा।
क्योंकि भाईचारे से बढ़कर
दुनियाँ में नहीं कोई चीज।।

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