भारत में बसे मेरे प्राण।
तिरंगा है मेरी पहचान।।
बोल दो जय हिंद सारे
जन गण मन मिल कर सब गाएं।
इसे जहाँ का भजन बनाएं।।
सारे दिलों में ये अरमान।
जगत में बढ़े देश का मान।।
बोल दो जय हिंद सारे
बुरी नज़र जो देश पे डाले।
पार वतन के उसे निकाले।।
करे जयचंद नहीं स्वीकार।
रहे न देश में अब गद्दार।।
बोल दो जय हिंद सारे
इश्क वतन से करके देखो।
आहे वतन की भर के देखो।।
होगा पहला वतन ही प्यार।
देश का हर पल रहे खुमार।।
बोल दो जय हिंद सारे
संविधान का मान करेंगे।
मिलके सारे धर्म रहेंगे।
रहे कहीं ऊँच नीच न शेष।
बनेंगे सभी मनुष्य विशेष।।
बोल जय हिंद सारे
आसपास हम पेड़ लगाएँ।
मिलके भारत स्वच्छ बनाएँ।।
खता करने पर आए लाज।
देश हित में हो सारे काज।।
बोलो जय हिंद सारे